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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 04 Nov 2025 09:16:18 AM IST
                    
                    
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Special Intensive Revision: चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के सफल समापन के बाद अब नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। यह प्रक्रिया 4 नवंबर 2025 से शुरू होगी और 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ समाप्त होगी। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 51 करोड़ मतदाता शामिल हैं।
दरअसल, इसी साल बिहार विधानसभा चुनाव हो रहा है, बिहार चुनाव दो फेज में होगा, जिसमें पहले फेज में 6 नवंबर को मतदान होने जा रहा है। वहीं, दूसरे चरण का मतदान 11 नवबंर को होने वाला है। चुनाव से पहले बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया को पूरा किया, जो SIR का पहला चरण पूरा किया गया और 30 सितंबर 2025 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की गई थी। बिहार में कुल 7.42 करोड़ नामों को मतदाता सूची में शामिल किया गया। दूसरे चरण में जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह प्रक्रिया होगी, उनमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
वहीं, यह SIR चरण चुनावों को ध्यान में रखते हुए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा, असम में भी 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन वहां मतदाता सूची का पुनरीक्षण अलग से किया जाएगा, क्योंकि राज्य में नागरिकता सत्यापन उच्चतम न्यायालय की निगरानी में चल रहा है और असम में नागरिकता कानून का विशेष प्रावधान लागू है।
चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 27 अक्टूबर को कहा था कि, “24 जून का SIR आदेश पूरे देश के लिए था। असम में विशेष परिस्थितियों के कारण यह आदेश सीधे लागू नहीं होता। उच्चतम न्यायालय की निगरानी में नागरिकता सत्यापन का काम पूरा होने के बाद ही SIR प्रक्रिया लागू होगी।”
विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया 4 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगी। इसके बाद 9 दिसंबर 2025 को मतदाता सूची का मसौदा जारी किया जाएगा और 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। आयोग का मानना है कि SIR प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से छूट न जाए और कोई अपात्र मतदाता सूची में शामिल न रहे।
SIR का प्राथमिक उद्देश्य अवैध विदेशी प्रवासियों की पहचान और उनके जन्मस्थान की जांच करना है, ताकि उन्हें मतदाता सूची से बाहर किया जा सके। बांग्लादेश और म्यांमार सहित अन्य देशों से अवैध प्रवासियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में कार्रवाई के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण है।
चुनाव के दृष्टिकोण से SIR प्रक्रिया बेहद अहम है क्योंकि इससे सुनिश्चित होगा कि आगामी 2026 विधानसभा चुनावों में मतदान प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो। मतदाता सूची में सही और सत्यापित नाम होने से चुनाव में जनता की सहभागिता बढ़ेगी और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या अवैध मतदान की संभावना कम होगी।
इस प्रक्रिया में सभी मतदाता अपने नाम और विवरण की जांच कर सकते हैं और यदि कोई त्रुटि या कमी पाई जाती है तो उसे सुधारने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आयोग ने जनता से अपील की है कि वे मतदाता सूची का पुनरीक्षण जरूर करें, ताकि मतदान में किसी भी प्रकार की समस्या न आए। SIR के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत और पारदर्शी बनी रहेगी।