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High Court Order: जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट ने माता वैष्णो देवी के तीर्थ यात्रियों समेत केंद्र शासित प्रदेश के यात्रितों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट द्वारा प्रतिवादियों और टोल प्लाजा के ठेकेदारों को निर्देश दिया गया है कि किसी प्रकार के आपराधिक पृष्ठभूमि वाले किसी भी व्यक्ति को काम पर न रखें। साथ ही न्यायालय ने प्रदेश की टोल दरों में कमी करने का भी निर्देश जारी किया है।
दरअसल, हाईकोर्ट ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को केंद्र शासित प्रदेश में वसूले जा रहे भारी टोल शुल्क में चार महीने में कटौती करने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी कहा गया है कि लखनपुर और बन्न टोल प्लाजा पर वसूला जाने वाला शुल्क लखनपुर से उधमपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से चालू नहीं होने तक पिछले वर्ष 26 जनवरी से पहले लागू दरों का 20 प्रतिशत होगा।
मुख्य न्यायधीश ताशी राबस्तान और न्यायमूर्ति एमए चौधरी की खंडपीठ ने एक याचिका द्वारा निर्देश को पारित किए। जिसमें दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पर चल रहें काम को पूरा होने तक लखनपुर और बन्न के बीच जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर टोल से वसूली से छूट की मांग की थीं। मंगलवार को पीठ ने 12 पेज के आदेश जारी कर कहा कि, ‘केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में आम जनता से पैसा कमाने के उद्देश्य से टोल प्लाजा की संख्या में वृद्धि नहीं होनी चाहिए।’
अदालत ने याचिका में लिखा है कि प्रतिवादी बन्न टोल प्लाजा पर भारी टोल शुल्क वसूल रहे हैं, और केंद्र शासित प्रदेश के अन्य टोल प्लाजा पर भी टोल शुल्क अधिक है। टोल पर वसुली कर न केवल एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के खजाने में हजारों करोड़ रुपये जमा हो रहे हैं, बल्कि निजी ठेकेदार भी करोड़ों रुपये जमा करके खुद को समृद्ध कर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने याचिका में यह भी निर्देश दिया है कि प्रतिवादियों को राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के 60 किलोमीटर के भीतर कोई भी टोल प्लाजा स्थापित नहीं करने दिया जायेगा। आम जनता के लिए शुल्क उचित होना चाहिए और राजस्व सृजन तंत्र का स्रोत नहीं होना चाहिए। विशेष रूप से संबंधित केंद्रीय मंत्रालय को निर्देश दिया जाता है कि वे टोल प्लाजा पर ‘उचित और वास्तविक’ शुल्क वसूलने पर विचार करें। आदेश के अनुसार, "इस संबंध में निर्णय आज (मंगलवार) से चार महीने की अवधि के भीतर सकारात्मक रूप से लिया जाएगा।" हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों और ठेकेदारों को संबंधित पुलिस एजेंसियों द्वारा सत्यापन के बाद ही टोल प्लाजा पर कर्मियों को तैनात करने का भी निर्देश दिया।