1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 24 Dec 2025 03:02:11 PM IST
बुर्का और हिजाब पर विवाद - फ़ोटो social media
DESK: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ा 'बुर्का' या 'हिजाब' विवाद हालिया मामला है, जिसने देशभर में राजनीतिक और सामाजिक बहस छेड़ दी है। उत्तर प्रदेश के आगरा में जनसुनवाई के दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने कुछ ऐसा बयान दे दिया कि विवाद छिड़ गया। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को लेकर कहा कि उन्हें बुर्का या नकाब पहनना है तो घर में रहें।
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने मुस्लिम महिलाओं के बुर्का और हिजाब को लेकर कहा कि नकाब लगाना या बुर्का पहनना है तो ये अपने घरों में रहें। जब बबीता सिंह चौहान का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तब उन्होंने इसे लेकर सफाई भी दी। कहा कि मुस्लिम महिलाएं बुर्का में आती हैं तो उन्हें पहचाना मुश्किल हो जाता है। है। ऐसे में उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे दिया जा सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार कुछ महिलाएं नकाब पहनकर अपनी समस्या बताने आगरा में आयोजित जनसुनवाई में पहुंची थीं। तब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने कहा कि आधार कार्ड और पासपोर्ट के लिए जब चेहरा दिखाया जाता है तो सुनवाई या अन्य स्थानों पर पहचान क्यों छिपाई जाती है। उन्होंने आगे कहा कि यहां जबकि किसी बात का खतरा नहीं है। इसलिए मेरा कहना है कि मुस्लिम महिलाओं को नकाब या हिजाब लगाना है तो ये अपने घरों में रहें। क्योंकि ये घर में ही सबसे ज्यादा अनसेफ हैं।
मैं तो कहूंगी ये बाहर ज्यादा सेफ हैं। बबीता सिंह चौहान का यह बयान उस वक्त आया जब बिहार में हिजाब प्रकरण को लेकर विवाद चल रहा है।दरअसल महिला आयोग की अध्यक्ष का यह बयान मंगलवार की जनसुनवाई का है, बबीता सिंह चौहान का ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका कहने का आशय था कि महिलाएं नकाब में आती हैं। जिससे उन्हें पहचाने में मुश्किल होती है। ऐसे में उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे दिया जा सकता है।
गौरतलब है कि नकाब और हिजाब का मामला बिहार में भी इन दिनों विवाद में बना हुआ है, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ा हुआ है। दरअसल मामला 15 दिसंबर 2025 का है जो राजधानी पटना में आयोजित आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांटने को लेकर सरकारी कार्यक्रम का था। मंच पर जब डॉ. नुसरत परवीन अपना नियुक्ति पत्र लेने पहुंचीं, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा और कथित तौर पर उनका हिजाब/नकाब नीचे खींच दिया ताकि उनका चेहरा दिख सकें।
लेकिन हिजाब नीचे खिंचने का वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद विपक्षी पार्टियों को बैठे बिठाए नीतीश सरकार को घेरने का बड़ा मौका मिल गया। आरजेडी और कांग्रेस ने इसे महिलाओं की गरिमा का अपमान बताकर सरकार के खिलाफ हमला बोला। पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने तो नीतीश कुमार के खिलाफ थाने शिकायत दर्ज कराई और कई अन्य संगठनों ने भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
जिसके बाद जेडीयू और बीजेपी समर्थकों ने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए इसे एक "बुजुर्ग का स्नेह" या "सामान्य प्रक्रिया" बताया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी मुख्यमंत्री का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं था। डॉ. नुसरत परवीन ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा था कि एक महिला के तौर पर उन्हें यह अपमानजनक लगा। हालांकि, शुरुआत में उनके नौकरी छोड़ने की खबरें आई थीं, लेकिन हालिया रिपोर्टों के अनुसार उन्होंने बिहार में ही अपनी ड्यूटी जॉइन करने का निर्णय लिया है। यह मामला व्यक्तिगत गोपनीयता और धार्मिक स्वतंत्रता (अनुच्छेद 21) के हनन के रूप में भी देखा जा रहा है। कई स्थानों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की जा रही है। इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया।
अगर नकाब पहनना है तो घर में रहें, महिलाएं वहीं ज्यादा अनसेफ होती हैं”-बुर्के को लेकर यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान का बयान। उन्होंने कहा कि जब सरकारी आईडी बनवाने के लिए चेहरा दिखाया जा सकता है, तो आम लोगों से पर्दा क्यों किया जाता है?
— FirstBiharJharkhand (@firstbiharnews) December 24, 2025
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