1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 06 Dec 2025 07:24:55 PM IST
धर्म में अनिवार्य नहीं लाउडस्पीकर - फ़ोटो सोशल मीडिया
DESK: मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति देने से बॉम्बे हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया। कहा कि किसी भी धर्म में इस बात का जिक्र कहीं भी नहीं किया गया है कि कोई प्रार्थना ऊंची आवाज वाले यंत्र लगाकर ही की जाए। किसी भी रूप में इसे मौलिक अधिकार नहीं माना जा सकता।
ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति अनिल पंसारे और राज वकोड़े की पीठ ने कहा कि कोई भी धर्म यह नहीं कहता कि प्रार्थना में लाउड स्पीकर और ढोल नगाड़ों का ही इस्तेमाल हो। मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति देने की याचिका को बॉम्बे कोर्ट ने आज खारिज कर दिया। कोर्ट ने बताया कि लाउडस्पीकर धार्मिक प्रार्थना के लिए अनिवार्य है यह बात याचिकाकर्ता साबित नहीं कर सका। इसलिए इस याचिका को खारिज कर दिया गया।
दरअसल महाराष्ट्र के जिला गोंदिया में मस्जिद गौसिया ने नमाज के लिए लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी। इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते प्रार्थना दूसरों की शांति को भंग करके किया जाए यह कोई भी धर्म नहीं कहता है। आम नागरिकों को शांत वातावरण में रहने का अधिकार है। ध्वनि प्रदूषण से छोटे-छोटे बच्चों और बीमार लोगों को भारी परेशानी होती है। इससे हार्ट अटैक, चिड़चिड़ापन, थकान, सिरदर्द और ब्लड प्रेशर की समस्या आ सकती है।