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Bihar Election 2025 : सासाराम में स्ट्रांग रूम का CCTV कैमरा बंद, मतगणना से पहले हंगामा; प्रत्याशियों ने उठाए पारदर्शिता पर सवाल

बिहार चुनाव 2025 की मतगणना से पहले सासाराम में दिनारा विधानसभा के स्ट्रांग रूम का सीसीटीवी कैमरा बंद होने पर हंगामा मच गया। प्रत्याशियों ने पारदर्शिता पर सवाल उठाए, जबकि प्रशासन ने तकनीकी कारण बताया।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 12 Nov 2025 05:32:18 PM IST

Bihar Election 2025 : सासाराम में स्ट्रांग रूम का CCTV कैमरा बंद, मतगणना से पहले हंगामा; प्रत्याशियों ने उठाए पारदर्शिता पर सवाल

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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना से ठीक पहले सासाराम में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दिनारा विधानसभा क्षेत्र के स्ट्रांग रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद होने की जानकारी मिलते ही वहां राजनीतिक दलों के प्रत्याशी और उनके समर्थक भारी संख्या में पहुंच गए। मामला जैसे ही फैला, तकिया बाजार समिति स्थित स्ट्रांग रूम परिसर में हंगामे की स्थिति बन गई। प्रत्याशियों ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।


जानकारी के अनुसार, सुबह स्ट्रांग रूम को सील करने के दौरान बाहर मॉनिटर लगाया गया था, जिस पर अंदर रखी गई ईवीएम मशीनें स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थीं। प्रत्याशियों के अभिकर्ता उसी मॉनिटर के सामने बैठकर ईवीएम की सुरक्षा पर नजर रखे हुए थे। लेकिन कुछ देर बाद जिलाधिकारी (डीएम) उदिता सिंह के पहुंचने पर अभिकर्ताओं को उस स्थान से हटा दिया गया। प्रशासन की ओर से कहा गया कि स्ट्रांग रूम के पास किसी को बैठने की अनुमति नहीं है और उनके लिए अलग स्थान पर बैठने की व्यवस्था की जा रही है।


इसके बाद प्रत्याशियों के अभिकर्ताओं को जिस जगह बैठाया गया, वहां से स्ट्रांग रूम की कोई भी गतिविधि या कैमरा फीड दिखाई नहीं पड़ रही थी। इससे अभिकर्ताओं में रोष फैल गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) ने सुबह जिस स्थान पर बैठाया था, बाद में डीएम ने वहां से हटा दिया — यह बदलाव संदिग्ध है और इससे पारदर्शिता पर संदेह उत्पन्न होता है।


आक्रोशित प्रत्याशी और उनके समर्थक तत्काल स्ट्रांग रूम परिसर पहुंचे और जिला प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया। कई दलों के उम्मीदवारों ने कहा कि स्ट्रांग रूम की निगरानी में किसी तरह की चूक या तकनीकी खामी स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि यह चुनाव की निष्पक्षता से जुड़ा मामला है।


मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी उदिता सिंह ने कहा कि “स्ट्रांग रूम के अंदर बिजली काट दी गई है ताकि सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई बाहरी हस्तक्षेप न हो। इसलिए स्ट्रांग रूम के अंदर का दृश्य अब दिखाई नहीं दे रहा है। बाहर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से निगरानी जारी है और उसकी फीड लगातार मॉनिटर पर दिखाई जा रही है।” उन्होंने कहा कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है और किसी भी प्रत्याशी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।


जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में पुलिस, अर्धसैनिक बलों और वीडियो सर्विलांस टीम की तैनाती की गई है। किसी भी व्यक्ति को बिना अनुमति स्ट्रांग रूम परिसर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। बावजूद इसके, विपक्षी दलों के प्रत्याशियों ने इसे “पारदर्शिता पर धब्बा” बताया और चुनाव आयोग से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है।


बहरहाल, मतगणना से पहले इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि चुनाव आयोग और प्रशासन इस विवाद को कैसे शांत करता है और मतगणना प्रक्रिया को निर्विघ्न तरीके से पूरा कर पाता है या नहीं।