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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 10 Nov 2025 12:34:28 PM IST
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Land for Job case : बिहार में चुनावी माहौल के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है। चर्चित लैंड फॉर जॉब (जमीन के बदले नौकरी) मामले में आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन अदालत ने इसे टाल दिया। अब इस मामले में अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी। अदालत के इस फैसले से लालू परिवार को अस्थायी राहत मिली है, खासकर तब जब बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल अपने चरम पर है।
इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, पुत्र एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत कई अन्य आरोपित हैं। सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर रखी है। आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच, जब लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे, तब रेलवे में नौकरी के बदले कई लोगों से सस्ते दामों पर जमीन ली गई थी।
सीबीआई की जांच के अनुसार, इस अवधि में बिहार और झारखंड के कई जिलों के निवासियों ने रेलवे में नौकरी पाने के बदले अपनी जमीनें लालू परिवार या उनके करीबी लोगों के नाम पर ट्रांसफर कीं। ये जमीनें कथित रूप से बहुत कम कीमत पर खरीदी गईं। जांच एजेंसी का दावा है कि यह सब एक सुनियोजित साजिश के तहत हुआ, जिसमें कई लोगों को लाभ पहुंचाया गया।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि इस दौरान लालू प्रसाद यादव ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए भारतीय रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियां दिलवाईं और बदले में उम्मीदवारों से जमीन ली गई। जांच में यह भी सामने आया कि अधिकांश जमीनें पटना और आसपास के इलाकों में थीं, जो अब लालू परिवार या उनके रिश्तेदारों के कब्जे में हैं।
इस केस में सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के अलावा कई पूर्व रेलवे अधिकारियों और उम्मीदवारों को भी आरोपी बनाया है। एजेंसी ने सभी पर आपराधिक साजिश (Criminal Conspiracy), धोखाधड़ी (Cheating) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू की थी। आज की सुनवाई में आगे की कार्यवाही होनी थी, लेकिन तकनीकी कारणों और पक्षकारों के अनुरोध पर इसे स्थगित कर दिया गया। अब 4 दिसंबर को अगली तारीख तय की गई है, जब अदालत आरोप तय करने पर आगे की कार्रवाई कर सकती है।
लालू परिवार की ओर से वकीलों का कहना है कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं और यह मामला राजनीतिक प्रेरणा से प्रेरित है। उनका कहना है कि लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ यह कार्रवाई केंद्र की राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद चुनावी माहौल में आरजेडी को निशाना बनाना है।
वहीं, सीबीआई की ओर से कहा गया है कि जांच तथ्यों और दस्तावेजों के आधार पर की गई है। एजेंसी का दावा है कि उसके पास ऐसे ठोस सबूत हैं जो यह साबित करते हैं कि रेल मंत्रालय में नौकरी देने के बदले लालू परिवार ने जमीन ली थी।
बिहार चुनाव के बीच इस मामले पर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। एनडीए नेताओं का कहना है कि यह मामला “परिवारवाद और भ्रष्टाचार” का प्रतीक है, जबकि आरजेडी नेताओं का कहना है कि लालू परिवार को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है ताकि चुनावी फायदा उठाया जा सके।
फिलहाल, अदालत ने सुनवाई 4 दिसंबर तक के लिए टाल दी है। उस दिन यह स्पष्ट होगा कि मामले की सुनवाई आगे किस दिशा में बढ़ेगी। तब तक लालू परिवार को अस्थायी राहत जरूर मिली है, लेकिन कानूनी लड़ाई अभी बाकी है।