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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 14 Nov 2025 02:17:30 PM IST
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Kuchaikot Election Result : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम आते ही राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इसी बीच गोपालगंज जिले की चर्चित कुचायकोट विधानसभा सीट (क्षेत्र संख्या 102) से एक बड़ा चुनावी परिणाम सामने आया है। यहां जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उम्मीदवार अमरेंद्र कुमार पांडे ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल कर ली है। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार हरी नारायण सिंह को बड़े अंतर से हराया है। पूरे चुनाव अभियान के दौरान इस सीट पर जेडीयू और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन अंतिम नतीजों ने तस्वीर बिल्कुल साफ कर दी।
काउंटिंग के दौरान शुरू से ही जेडीयू प्रत्याशी अमरेंद्र कुमार पांडे ने बढ़त बनाकर रखी। शुरुआती राउंड से ही उनकी बढ़त लगातार बढ़ती गई। अंतिम राउंड में कुल मतगणना के बाद जेडीयू उम्मीदवार ने कांग्रेस प्रत्याशी पर 23,632 वोटों की निर्णायक बढ़त दर्ज करते हुए जीत पक्की कर ली।
मतगणना के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जेडीयू को कुल 1,00,231 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी हरी नारायण सिंह को 76,599 वोट पर संतोष करना पड़ा। यह अंतर न केवल जेडीयू की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि इस क्षेत्र में पार्टी की पकड़ अब भी मजबूत बनी हुई है।
चुनाव अभियान और मुद्दों की भूमिका
कुचायकोट विधानसभा सीट पर चुनावी अभियान के दौरान कई स्थानीय और क्षेत्रीय मुद्दे प्रमुख रहे। इसमें सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, जल-निकासी, किसानों की समस्याएं और रोजगार जैसे सवाल शामिल थे। अमरेंद्र कुमार पांडे ने अपने चुनावी प्रचार में दावा किया था कि जेडीयू की सरकार ने क्षेत्र में लगातार विकास कार्य किए हैं, और जनता अगर उन कार्यों को आगे बढ़ाना चाहती है तो उन्हें जेडीयू को पुनः मौका देना चाहिए।
वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार हरी नारायण सिंह ने सरकार पर कई सवाल उठाते हुए चुनाव में उतरने का फैसला किया था। उन्होंने जनता के सामने क्षेत्रीय स्तर पर मौजूद समस्याओं को प्रमुखता से रखा। हालांकि, जनता ने वोटिंग के माध्यम से यह साफ कर दिया कि वे जेडीयू की नीतियों और स्थानीय विकास मॉडल पर भरोसा करती है।
अमरेंद्र कुमार पांडे की लोकप्रियता रही अहम
कुचायकोट में अमरेंद्र कुमार पांडे पिछले कुछ वर्षों में लगातार स्थानीय राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उनकी जनता के बीच मजबूत पकड़, संगठन पर पकड़ और जेडीयू की व्यापक जनसंपर्क रणनीति ने इस चुनाव में उन्हें फायदा पहुंचाया। यह भी देखा गया कि बूथ स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने संगठित तरीके से चुनाव अभियान को अंजाम दिया। युवाओं और महिलाओं में भी पांडे की अच्छी खासी लोकप्रियता देखने को मिली, जिसने वोटों को अपने पक्ष में करने में अहम भूमिका निभाई।
कांग्रेस की चुनौती नहीं चली
कांग्रेस के हरी नारायण सिंह ने भी पूरी ताकत से चुनाव लड़ा। उन्होंने कई सभाएं कीं, पदयात्राएं निकालीं और आम लोगों से संवाद स्थापित करने कोशिश की। परंतु चुनावी मैदान में वे जेडीयू की मजबूत चुनावी मशीनरी तथा अमरेंद्र पांडे की व्यक्तिगत लोकप्रियता के सामने टिक नहीं पाए। कांग्रेस को उम्मीद थी कि वह इस सीट पर कड़ा मुकाबला देगी, लेकिन मतगणना के परिणामों ने दिखा दिया कि जनता ने स्पष्ट रूप से जेडीयू के पक्ष में वोट किया है।
कुचायकोट में क्या संदेश दे गया यह परिणाम?
इस परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार की अगुवाई में जेडीयू अभी भी ग्रामीण इलाकों में अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए है। कुचायकोट जैसी सीट पर बड़ी जीत इस बात का संकेत है कि विकास के मुद्दे आज भी वोटरों के लिए अहम बने हुए हैं। इसके साथ ही, यह जीत जेडीयू के लिए उत्साह बढ़ाने वाली है, क्योंकि यह परिणाम एनडीए गठबंधन के लिए भी सकारात्मक संकेत देता है। वहीं कांग्रेस के लिए यह परिणाम निराशाजनक माना जा रहा है, क्योंकि पार्टी यहां अपनी स्थिति मजबूत करने में असफल रही।
आगे की राजनीतिक दिशा
कुचायकोट विधानसभा सीट का यह परिणाम आने वाले चुनावों और स्थानीय राजनीति पर भी प्रभाव डाल सकता है। जेडीयू अब इस पर विचार कर सकती है कि अमरेंद्र पांडे जैसे नेताओं की लोकप्रियता का उपयोग संगठन को और मजबूत करने में कैसे किया जाए। वहीं, कांग्रेस को भी अपने संगठन और रणनीति की समीक्षा करनी होगी। हरी नारायण सिंह को मिले 76,599 वोट यह संकेत देते हैं कि कांग्रेस की बुनियादी पकड़ पूरी तरह खत्म नहीं हुई है, लेकिन उसे मजबूत होने के लिए और मेहनत करने की जरूरत है।