1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 23 Oct 2025 09:29:17 AM IST
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Chhath Puja : लोक आस्था का पर्व छठ अब बस कुछ ही दिनों की दूरी पर है और इस बार भी श्रद्धालु गंगा किनारे, शहर के तालाबों और पार्कों में मिलकर सूर्य देव को अर्घ्य देंगे। हालांकि, गंगा का जलस्तर और घाटों की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रशासन ने पटना शहरी क्षेत्र के छह घाटों को खतरनाक और पांच घाटों को अनुपयुक्त घोषित किया है। इसके साथ ही प्रशासन ने वैकल्पिक घाटों और तालाबों पर नई सुविधाओं का विकास शुरू कर दिया है, ताकि व्रतियों को किसी तरह की असुविधा न हो।
डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि कंटाही घाट, राजापुर पुल घाट, पहलवान घाट, बांस घाट, बुद्धा घाट और नया पंचमुखी चौराहा घाट को खतरनाक घोषित किया गया है। इन घाटों पर जलस्तर अधिक है और कटाव का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने इन घाटों पर छठ पूजा पर पूरी तरह रोक लगा दी है। वहीं, टीएन बनर्जी घाट, मिश्री घाट, जजेज घाट, अदालत घाट और गुलबी घाट को पानी की कम गहराई और दलदली स्थिति के कारण अनुपयुक्त घोषित किया गया है। इन घाटों पर इस बार छठ पूजा नहीं होगी।
एलसीटी घाट पर तेज कटाव और अधिक गहराई को देखते हुए प्रशासन ने यहां तालाब निर्माण की तैयारी शुरू कर दी है। जल संसाधन विभाग घाट की भौगोलिक स्थिति का आकलन कर रहा है ताकि छठव्रतियों के लिए सुरक्षित जगह तैयार की जा सके। इसके अलावा कलेक्ट्रेट घाट और महेंद्र घाट तक जाने वाले रास्तों में पानी भर जाने के कारण प्रशासन ने एप्रोच रोड का निर्माण शुरू कर दिया है।
दीघा क्षेत्र के घाटों पर तैयारियां जोरों पर
दीघा क्षेत्र के शिवा घाट, पाटीपुल घाट और मीनार घाट लगभग तैयार हो चुके हैं। साथ ही घाट नंबर 93, 88 और 83 को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। राजधानी के बाहर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इन घाटों पर पहुंचते हैं। इसलिए प्रशासन ने यहां बेहतर पार्किंग, शेड और लाइटिंग की व्यवस्था की है। घाटों के पास कंट्रोल रूम, चेंजिंग रूम और निगरानी टावर बनाए जा रहे हैं। घाटों तक पहुंचने वाले रास्तों को अतिक्रमणमुक्त किया गया है। गंगा पथ किनारे बनी झोपड़ियों और अस्थायी दुकानों को हटाकर श्रद्धालुओं की आवाजाही सुगम बनाई गई है।
बांस घाट की चुनौतीपूर्ण स्थिति
बांस घाट की स्थिति फिलहाल चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। गांधी मैदान की ओर से आने वाले जेपी गंगा पथ के नीचे से एप्रोच रोड तो तैयार हो गया है, लेकिन बालू की अधिकता के कारण वाहन घाट तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। प्रशासन ने घाट तक सुरक्षित पहुंच बनाने के लिए मिट्टी बिछाने और बालू से भरे बैग डालने का काम शुरू कर दिया है।
शहर के तालाबों में भी तैयारियां तेज
गंगा घाटों के अलावा शहर के कई तालाबों में भी छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं। मीठापुर कृषि भवन परिसर के तालाब का पानी बदला जा रहा है और सफाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। भूपतिपुर तालाब में सड़क निर्माण के बाद केवल एक भाग बचा है। वहीं, मानिकचंद तालाब का पानी सुखाकर उसमें बालू भरकर अस्थायी घाट बनाया जा रहा है।
तीन नए पक्के घाट श्रद्धालुओं के लिए तैयार
नमामि गंगे परियोजना के तहत इस वर्ष बुडको द्वारा तीन नए पक्के घाट — भद्र घाट, महावीर घाट और नौजर घाट — तैयार किए गए हैं। इन घाटों में शौचालय, चेंजिंग रूम, हाईमास्ट लाइट और प्रोमिनेड जैसी आधुनिक सुविधाएं जोड़ी गई हैं। विशेष रूप से भद्र घाट पर 100 मीटर लंबा सुसज्जित घाट बनाया गया है, जहां एक साथ सैकड़ों श्रद्धालु अर्घ्य दे सकेंगे। बुडको के एमडी और प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने सफाई, लाइटिंग और बैरिकेडिंग का कार्य युद्धस्तर पर पूरा करने का निर्देश दिया है।
शहर के पार्कों में भी छठ की धूम
इस बार शहर के 35 से अधिक पार्कों में छठ पूजा का आयोजन होगा। पार्क प्रमंडल ने साफ-सफाई, लाइटिंग और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव शुरू कर दिया है। शिवाजी पार्क, बी हाउसिंग पार्क, डिफेंस कॉलोनी पार्क, जीवक हार्ट पार्क, कुणाल पार्क, पुनाईचक पार्क, बैंक ऑफ इंडिया पार्क और एजी कॉलोनी पार्क में तैयारियां जोरों पर हैं।
पटना जू की झील में छठ पूजा
पटना जू की झील में भी छठ पूजा का आयोजन किया जाएगा। नगर निगम ने झील के आसपास सफाई, चेंजिंग रूम और लाइटिंग की व्यवस्था की जिम्मेदारी ली है। प्रशासन ने कहा है कि इस बार सभी व्रतियों के लिए सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
छठ पूजा का यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह लोगों में सामाजिक एकता और श्रद्धा की भावना को भी मजबूत करता है। प्रशासन की यह तैयारी सुनिश्चित करेगी कि श्रद्धालु सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल में अपनी पूजा कर सकें।