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Sanatan Dharma promotion : BSRTC ने 'सनातन धर्म' के प्रचार-प्रसार का किया ऐलान, 'सत्यनारायण कथा' और 'भगवती पूजा' के लिए सभी जिलों में नियुक्त होंगे संयोजक Credit Card Usage: क्रेडिट कार्ड यूज करते समय इन गलतियों से बचें, वरना भरना पड़ सकता है भारी जुर्माना Bihar News: बिहार के बेरोजगार युवाओं के पास सरकारी नौकरी पाने का मौका, वेतन 81 हजार तक SVU raid : रिटायरमेंट से पहले करोड़ों जमा करने में लगे हुए थे उत्पाद अधीक्षक, उत्पाद दारोग़ा से शुरू हुई थी करोड़ अर्जित करने वाले अनिल आजाद की कैरियर; SVU के भी उड़ें होश D.El.Ed Admission 2025-26: डीएलएड में प्रवेश के लिए कल से रजिस्ट्रेशन शुरु, जान लें कब होगी स्टेट मेरिट जारी? Anant Singh : नई सरकार बनने के बाद सबसे बड़ा सवाल ? मोकामा के विधायक अनंत सिंह कैसे लेंगे शपथ? छोटे सरकार कैद से कब होंगे रिहा? जानिए क्या कहता है नियम Bihar bridge project : बिहार के सबसे बड़े पुल का रास्ता साफ, गंडक नदी पर बनेंगे 29 किमी तक सड़क-पुल; बेतिया से गोरखपुर की दूरी घटेगी Gen Z Bhajan Clubbing: Gen-Z को भा रहा भजन क्लबिंग का नया ट्रेंड, वजह जानकर हो जाएंगे दंग Bihar Weather: बिहार के कई जिलों में गिरा तापमान, लोगों की भलाई के लिए IMD ने जारी की चेतावनी Bihar News: बिहार पुलिस ने सोशल मीडिया मॉनिटरिंग बढ़ाई, माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ होगी त्वरित कार्रवाई

Sanatan Dharma promotion : BSRTC ने 'सनातन धर्म' के प्रचार-प्रसार का किया ऐलान, 'सत्यनारायण कथा' और 'भगवती पूजा' के लिए सभी जिलों में नियुक्त होंगे संयोजक

बिहार सरकार की निगरानी परिषद, बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद (BSRTC), ने राज्य के सभी जिलों में 'सनातन धर्म' के प्रचार-प्रसार के लिए संयोजकों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। परिषद की योजना के तहत कुल 38 संयोजक नामित किए जाएंगे,

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 24 Nov 2025 09:43:03 AM IST

Sanatan Dharma promotion : BSRTC ने 'सनातन धर्म' के प्रचार-प्रसार का किया ऐलान, 'सत्यनारायण कथा' और 'भगवती पूजा' के लिए सभी जिलों में नियुक्त होंगे संयोजक

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Sanatan Dharma promotion : बिहार सरकार की रजिस्टर्ड मंदिरों और मठों की गतिविधियों की निगरानी करने वाली परिषद, बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद (BSRTC), ने राज्य भर में 'सनातन धर्म' के प्रचार-प्रसार के लिए सभी जिलों में संयोजकों की नियुक्ति करने का बड़ा निर्णय लिया है। परिषद की योजना के अनुसार 38 संयोजक नामित किए जाएंगे, जो अपने-अपने जिलों में रजिस्टर्ड मंदिरों और मठों के मुख्य पुजारियों के साथ समन्वय स्थापित कर सनातन धर्म के महत्व और उसकी गतिविधियों को सुनिश्चित करेंगे। परिषद में वर्तमान में कुल 2,499 मंदिर और मठ रजिस्टर्ड हैं।


परिषद के अध्यक्ष रणबीर नंदन ने बताया कि प्रत्येक जिले में एक संयोजक का चयन महंतों में से ही किया जाएगा और इसकी प्रक्रिया अगले एक-दो दिनों में शुरू कर दी जाएगी। संयोजक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके संबंधित जिलों के सभी रजिस्टर्ड मंदिर एवं मठ हर महीने पूर्णिमा और अमावस्या के दिन 'सत्यनारायण कथा' और 'भगवती पूजा' करें और इसके महत्व के बारे में जनता में संदेश फैलाएं। इसके साथ ही लोग अपने घरों में भी नियमित रूप से ये पूजाएं करें, इसे प्रोत्साहित किया जाएगा।


संयोजक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि मंदिर और मठ सामुदायिक गतिविधियों के लिए 'अखाड़ों' के रूप में संस्कृति का अभ्यास करने के लिए स्थान प्रदान करें। परिषद का मानना है कि धार्मिक स्थल केवल पूजा तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि समाज में सुधार और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र भी बनें। नंदन ने कहा कि मंदिरों और मठों के माध्यम से त्योहारों, पूजा, और सनातन धर्म के मूल्यों का प्रचार-प्रसार आवश्यक है।


उन्होंने यह भी कहा कि ये त्योहार भक्ति, सद्भाव और सामुदायिक भागीदारी का प्रतीक हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के बयान का भी उल्लेख किया कि केंद्र सरकार छठ पूजा को यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत में शामिल कराने पर काम कर रही है। छठ पूजा, दिवाली के ठीक बाद आने वाला यह प्रमुख पर्व, सूर्य देव को समर्पित है और भारतीय संस्कृति की जीवंत अभिव्यक्ति है।


परिषद आने वाले महीनों में राजगीर में 'सनातन धर्म' के प्रचार-प्रसार के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी भी कर रही है। इसके साथ ही परिषद ने 'धार्मिक कैलेंडर' जारी करने का भी निर्णय लिया है, जिसमें सनातन धर्म के सभी प्रमुख त्योहारों, पूजा और धार्मिक गतिविधियों का विवरण होगा। यह कैलेंडर राज्य भर के रजिस्टर्ड मंदिरों और मठों के माध्यम से जनता में वितरित किया जाएगा, ताकि लोग धर्म और संस्कृति के महत्व को समझें और अपने जीवन में इसे अपनाएं।


परिषद का उद्देश्य केवल धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक सुधार, समुदायिक सहभागिता और सांस्कृतिक जागरूकता को भी बढ़ावा देना है। रणबीर नंदन ने कहा कि राज्य के मंदिर और मठ न केवल पूजा स्थल हैं, बल्कि ये समाज में नैतिकता, परंपरा और आध्यात्मिकता का प्रचार करने का माध्यम भी बनें। उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में संयोजकों के माध्यम से यह प्रयास और भी प्रभावी रूप से किया जाएगा, जिससे सनातन धर्म के मूल्यों का समाज में व्यापक प्रचार हो और लोग अपने धार्मिक एवं सांस्कृतिक कर्तव्यों को समझें।