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Bihar Assembly Election 2025 : पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे वोटिंग; जानिए इन सवालों का जवाब

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान होगा। 45,324 बूथों पर 3.75 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 05 Nov 2025 01:00:54 PM IST

Bihar Assembly Election 2025 : पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे वोटिंग; जानिए इन सवालों का जवाब

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Bihar Assembly Election 2025 : बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 6 नवंबर को राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। सुबह सात बजे से शुरू होकर शाम छह बजे तक चलने वाले इस मतदान के बाद हजारों उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो जाएगी। इस चरण में वोटिंग का प्रतिशत बढ़ाने के लिए आयोग ने विशेष उपाय किए हैं और मतदाताओं को लोकतंत्र के इस उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है। पहले चरण के परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।


चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। आयोग का साफ निर्देश है कि मतदान को उत्सव का रूप दिया जाए ताकि अधिक से अधिक मतदाता मतदान केंद्रों तक पहुंचें। इसके लिए सभी जिलों के अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को खास निर्देश जारी किए गए हैं। आयोग ने कहा है कि मतदान केंद्रों पर ऐसा माहौल बनाया जाए जिससे मतदाताओं में उत्साह बढ़े और वे लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करें। साथ ही, किसी भी तरह की गड़बड़ी पर तुरंत कार्रवाई और निगरानी के लिए तीन स्तरों पर व्यवस्था की गई है।


इस बार की वोटिंग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सभी मतदान केंद्रों से शत-प्रतिशत वेबकास्टिंग की जाएगी। यानी हर बूथ की गतिविधियों पर कैमरों के जरिए लगातार नजर रखी जाएगी। चुनाव आयोग ने पहले चरण के लिए 121 सामान्य, 18 पुलिस और 33 व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती की है। इससे किसी भी तरह के गड़बड़ी या नियम उल्लंघन को तुरंत पकड़ा जा सकेगा। साथ ही, सुरक्षा बलों की कंपनियां भी बड़ी संख्या में बूथों पर तैनात की गई हैं।


पहले चरण में कुल 45,324 मतदान केंद्र (बूथ) बनाए गए हैं। इनमें से 36,733 बूथ ग्रामीण और 8,608 बूथ शहरी इलाकों में स्थित हैं। मतदाताओं की सुविधा और सहभागिता बढ़ाने के लिए 926 बूथों का संचालन पूरी तरह महिलाओं द्वारा किया जाएगा। इसी तरह 107 बूथों का संचालन दिव्यांग मतदाताओं द्वारा किया जाना इस चरण की एक अनूठी पहल है। वहीं, 320 बूथों को मॉडल बूथ के रूप में विकसित किया गया है, जहां मतदाताओं के स्वागत से लेकर पीने के पानी, बैठने की व्यवस्था और अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है।


अगर वोटरों की संख्या और भौगोलिक स्थिति की बात करें तो दीघा विधानसभा में सबसे अधिक 4,57,657 मतदाता मतदान करेंगे। इसके विपरीत बरबीघा विधानसभा में वोटरों की संख्या सबसे कम 2,31,998 है। उम्मीदवारों की संख्या के लिहाज से कुढ़नी और मुजफ्फरपुर विधानसभा सीटों पर सबसे अधिक 20-20 प्रत्याशी मैदान में हैं।


जबकि भोरे, अलौली और परबत्ता सीटों पर चुनावी मुकाबला सबसे सीमित है, जहां केवल 5-5 उम्मीदवार अपने भाग्य आजमा रहे हैं। क्षेत्रफल के आधार पर भी विधानसभा क्षेत्रों में बड़ा अंतर देखने को मिलता है। बांकीपुर विधानसभा मात्र 16.239 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ सबसे छोटा निर्वाचन क्षेत्र है। वहीं सूर्यगढ़ा विधानसभा पूरे 624.751 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ इस चरण का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है, जहां मतदान कर्मियों और सुरक्षा बलों के लिए अधिक रणनीतिक तैयारियां की गई हैं।


प्रत्याशियों की संख्या की बात करें तो पहले चरण की 121 सीटों पर कुल 1,314 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें 1,192 पुरुष और 122 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। महिलाओं की सहभागिता लगातार बढ़ने के बाद भी उम्मीदवारों की संख्या पुरुषों की तुलना में काफी कम है। हालांकि महिला प्रबंधन वाले मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाना इस असमानता को कम करने का प्रयास माना जा रहा है।


वोटरों की बात करें तो पहले चरण में कुल 3 करोड़ 75 लाख 13 हजार 302 मतदाता अपने-अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों का चयन करेंगे। इस बार विशेष मतदाताओं पर भी आयोग ने खास ध्यान रखा है। इस चरण में 3 लाख 22 हजार 77 दिव्यांग मतदाता, 6,736 सौ वर्ष से अधिक आयु के मतदाता और लगभग 9 लाख 6 हजार सेवा मतदाता चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा हैं। इनके लिए घर-घर जाकर मतदान सुविधा और विशेष परिवहन व्यवस्था की गई है।


बिहार में इस बार चुनाव दो चरणों में हो रहा है। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा, जबकि दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को निर्धारित किया गया है। दूसरे फेज के लिए भी तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं। आयोग ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि दोनों चरणों में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी हो। चुनाव आयोग ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे लोकतंत्र के पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपने मताधिकार का उपयोग जरूर करें। आयोग ने दोहराया कि हर एक मत बिहार के भविष्य को दिशा देगा और मतदाता ही लोकतांत्रिक व्यवस्था का असली आधार हैं।


पहले चरण के मतदान के साथ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी तस्वीर का पहला संकेत मिलेगा। कौन आगे बढ़ेगा और किसकी उम्मीदों को बड़ा झटका लगेगा, इसका पहला अनुमान 6 नवंबर के मतदान प्रतिशत और माहौल से ही लगाया जा सकेगा। अब नजर इस बात पर है कि मतदाता कितनी संख्या में निकलकर अपने नेता का चयन करते हैं और लोकतंत्र को मजबूती देते हैं।