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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 12 Nov 2025 01:08:25 PM IST
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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान संपन्न हो चुका है। मंगलवार शाम को दूसरे चरण की वोटिंग पूरी होने के साथ ही एग्जिट पोल्स के नतीजे सामने आ चुके हैं। ज्यादातर सर्वे में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। अगर ये नतीजे सही साबित हुए तो एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार बनने जा रही है। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव को अभी कुछ और इंतजार करना पड़ सकता है।
राज्य में सरकार बनाने के लिए 122 सीटों पर जीत जरूरी होती है। 14 नवंबर 2025 को मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि बिहार की सत्ता की चाबी किसके हाथ में जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि पिछले दो दशकों में चाहे चुनावी समीकरण बदले हों या गठबंधन, लेकिन सत्ता की चाबी हमेशा नीतीश कुमार के ही पास रही है। आइए जानते हैं कब-कब उन्होंने बिहार की कमान संभाली और किन चुनावों में क्या रहा नतीजा।
नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर और बिहार चुनावों का इतिहास
2000:
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के संस्थापक नीतीश कुमार पहली बार साल 2000 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन उस वक्त बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण उन्हें महज 7 दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद लालू यादव के नेतृत्व में राजद ने सरकार बनाई और राबड़ी देवी फिर मुख्यमंत्री बनीं।
फरवरी 2005:
बिहार के विभाजन के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला। RJD को 75, JDU को 55, BJP को 37 और LJP को 29 सीटें मिलीं। बहुमत का आंकड़ा पूरा न होने से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा।
अक्टूबर 2005:
राष्ट्रपति शासन के बाद दोबारा चुनाव हुए, जिसमें NDA को स्पष्ट बहुमत मिला। जदयू को 88 और बीजेपी को 55 सीटें मिलीं। कुल 143 सीटों के साथ एनडीए ने सरकार बनाई और नीतीश कुमार ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
2010 में एनडीए की प्रचंड जीत
2010 के चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को ऐतिहासिक जीत मिली। जदयू ने 115 और बीजेपी ने 91 सीटों पर जीत दर्ज की। इस तरह गठबंधन को कुल 206 सीटें मिलीं। विपक्ष में RJD को 22, LJP को 3 और कांग्रेस को 4 सीटें मिलीं। नीतीश कुमार तीसरी बार मुख्यमंत्री बने।
लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने से नीतीश नाराज हुए और एनडीए से अलग हो गए। उन्होंने 2014 में हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया और जीतन राम मांझी को सीएम बनाया।
2015: लालू-नीतीश का महागठबंधन
2015 में बिहार की राजनीति ने नया मोड़ लिया। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की पार्टियों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा। जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन को बड़ी जीत मिली। राजद को 80, जदयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिलीं। एनडीए को महज 58 सीटें मिलीं। नीतीश चौथी बार मुख्यमंत्री बने। हालांकि, 2017 में लालू परिवार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते नीतीश ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया और दोबारा एनडीए में शामिल होकर 6वीं बार मुख्यमंत्री बने।
2020: भाजपा बड़ी पार्टी बनी, फिर भी नीतीश बने सीएम
2020 के चुनाव में RJD सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन NDA ने 125 सीटें जीतकर सरकार बनाई। राजद को 75, बीजेपी को 74, जदयू को 43 और कांग्रेस को 19 सीटें मिलीं। बीजेपी के अधिक सीटें जीतने के बावजूद एनडीए ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया। बाद में 2022 में नीतीश ने फिर पाला बदला और महागठबंधन के साथ जाकर 8वीं बार मुख्यमंत्री बने। लेकिन जनवरी 2024 में उन्होंने एक बार फिर इस्तीफा दिया और बीजेपी के समर्थन से 9वीं बार मुख्यमंत्री बने।
नीतीश कुमार: बिहार की राजनीति के ‘स्थायी सीएम’
नीतीश कुमार अब तक 9 बार बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं—यह एक रिकॉर्ड है। उन्होंने हर राजनीतिक परिस्थिति में खुद को सत्ता के केंद्र में बनाए रखा। अगर 2025 के चुनाव में एनडीए को बहुमत मिलता है, तो वे 10वीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे। बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का सफर बेहद रोचक और उतार-चढ़ाव भरा रहा है। गठबंधन बदलते रहे, लेकिन नीतीश सत्ता के केंद्र में बने रहे। एग्जिट पोल्स के मुताबिक एक बार फिर बिहार में एनडीए की सरकार बनती दिख रही है। अगर नतीजे इन अनुमानों के मुताबिक रहे, तो नीतीश कुमार भारतीय राजनीति में एक और ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना देंगे — लगातार 10वीं बार मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता के रूप में।