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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 31 Oct 2025 07:07:47 AM IST
 
                    
                    
                    बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव अब एकदम नजदीक है और सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में पूरी ताकत झोंक चुके हैं। प्रदेश की सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। इसी बीच, एनडीए का साझा घोषणा पत्र यानी मेनिफेस्टो आज शुक्रवार, 31 अक्टूबर को जारी किया जाएगा। यह घोषणा पत्र बिहार की जनता के लिए अगले पांच वर्षों की विकास रूपरेखा पेश करेगा।
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित एनडीए के सभी घटक दलों के शीर्ष नेता इस साझा घोषणा पत्र को जारी करेंगे। इसकी आधिकारिक जानकारी जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने गुरुवार की शाम सोशल मीडिया पर साझा की।
जानकारी के अनुसार, एनडीए के सभी घटक दलों भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) और रालोमो (राष्ट्र लोक जनशक्ति पार्टी) से विचार-विमर्श के बाद इस घोषणा पत्र को अंतिम रूप दिया गया है। इसमें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, कृषि, उद्योग और बुनियादी ढांचा जैसे मुद्दों पर कई नई घोषणाएं शामिल होने की संभावना है।
घोषणा पत्र जारी करने के लिए एनडीए की प्रेस कॉन्फ्रेंस पटना के होटल मौर्य में आज सुबह 9:30 बजे आयोजित की जाएगी। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह, हम प्रमुख जीतन राम मांझी, लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान, रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, जदयू कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होने वाले हैं। पहले चरण में 20 जिलों की 102 सीटों पर मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में शेष सीटों पर वोटिंग होगी। चुनाव परिणामों की घोषणा 15 नवंबर को होने की संभावना है।
इस बार एनडीए में सीटों का बंटवारा इस प्रकार हुआ है, भाजपा और जदयू 101-101 सीटों पर, लोजपा (रामविलास) 29 सीटों पर, और हम एवं रालोमो 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। महागठबंधन की ओर से पहले ही घोषणा पत्र जारी किया जा चुका है, जिसमें रोजगार, बिजली, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को प्रमुखता दी गई है। अब सभी की नजरें एनडीए के मेनिफेस्टो पर टिकी हैं कि वह किन वादों और योजनाओं के साथ मैदान में उतरता है।
बिहार की राजनीति में इस बार विकास बनाम वादे की लड़ाई देखने को मिल रही है। जहां नीतीश कुमार अपनी सरकार के 20 साल के कामकाज और “सुशासन” के मॉडल पर जनता का विश्वास दोबारा जीतने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं विपक्ष बेरोजगारी, महंगाई और कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरने में जुटा है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में करीब 7.5 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। सभी राजनीतिक दलों ने ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी मतदाताओं तक अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए प्रचार अभियान तेज कर दिया है। रैलियों, जनसभाओं और सोशल मीडिया के माध्यम से उम्मीदवार जनता तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि एनडीए का साझा घोषणा पत्र जनता के बीच कितना प्रभाव डाल पाता है और क्या यह गठबंधन बिहार की सत्ता पर एक बार फिर से अपनी पकड़ बना पाता है या नहीं।