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Bihar Election 2025 : वाह नेता जी वाह : चुनाव में बाजी मारने के लिए जनता के बीच घड़ी बंटवाने लगे मिथांचल वाले मंत्री जी ! अब आयोग लेगा एक्शन; क्या बढ़ जाएगी मुश्किलें ?

बिहार चुनाव 2025 में मिथिलांचल के एक मंत्री पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा है। कहा जा रहा है कि उनकी प्रचार गाड़ी से मतदाताओं को घड़ियां बांटी जा रही थीं, जिस पर अब चुनाव आयोग जांच कर रहा है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 22 Oct 2025 08:26:59 AM IST

Bihar Election 2025 : वाह नेता जी वाह : चुनाव में बाजी मारने के लिए जनता के बीच घड़ी बंटवाने लगे मिथांचल वाले मंत्री जी !  अब आयोग लेगा एक्शन; क्या बढ़ जाएगी मुश्किलें ?

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Unlicensed copy of the Froala Editor. Use it legally by purchasing a license.Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सियासी हलचल तेज होती जा रही है। इसी बीच मिथिलांचल क्षेत्र की एक प्रमुख विधानसभा सीट से एक बड़ा राजनीतिक विवाद सामने आया है। मामला वर्तमान सरकार के एक प्रभावशाली मंत्री और पुराने पार्टी नेता से जुड़ा है, जिन पर अब आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का गंभीर आरोप लगाया गया है।


जानकारी के मुताबिक, यह नेता जी सत्तारूढ़ पार्टी के वरिष्ठ और भरोसेमंद चेहरों में से एक माने जाते हैं। लंबे समय से पार्टी के साथ जुड़े रहे हैं और कई बार चुनाव जीत चुके हैं। मिथिलांचल में इनकी पकड़ और पहचान काफी मजबूत रही है, जिस कारण इस बार भी पार्टी ने इन्हें बिना किसी विवाद के टिकट दे दिया। पार्टी नेतृत्व ने इन पर भरोसा जताते हुए उन्हें दोबारा विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया और आधिकारिक चुनाव प्रतीक (सिंबल) भी दे दिया।


लेकिन अब जब नेताजी अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं, तभी एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। आरोप है कि मंत्री जी की प्रचार गाड़ी से चुनावी प्रचार के दौरान लोगों में घड़ी बांटी जा रही थी। चूंकि चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिए इस तरह की कोई भी वस्तु बांटना सीधा-सीधा नियमों का उल्लंघन माना जाता है।


विपक्ष ने पकड़ा रंगे हाथ

बताया जा रहा है कि यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब विपक्षी उम्मीदवार और उनके समर्थकों ने मंत्री जी की प्रचार गाड़ी को बीच रास्ते में रोक लिया। गाड़ी में बड़ी संख्या में घड़ियां पाई गईं, जिन पर कथित तौर पर मंत्री जी के नाम और चुनाव चिह्न का जिक्र था। विपक्ष ने तुरंत इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया और चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की।


विपक्षी दल का कहना है कि यह मंत्री जी की ओर से मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास है। उनका आरोप है कि “मंत्री जी जानते हैं कि जनता अब उनके वादों पर भरोसा नहीं करती, इसलिए अब वो घड़ियां और उपहार देकर वोट खरीदने की कोशिश कर रहे हैं।”


फ्लाइंग स्क्वायड की कार्रवाई

विवाद बढ़ने के बाद प्रशासन हरकत में आया। जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर फ्लाइंग स्क्वायड की टीम मौके पर पहुंची और वाहन को जब्त कर लिया। गाड़ी को जाले थाना परिसर में लाकर खड़ा कर दिया गया है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार फिलहाल पूरे मामले की जांच चल रही है। टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गाड़ी में मिली घड़ियां वास्तव में प्रचार सामग्री थीं या वितरण के उद्देश्य से लाई गई थीं।


मंत्री जी ने दी सफाई

वहीं, इस पूरे मामले पर मंत्री जी ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा है कि उन्होंने किसी भी तरह की आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है। उनका कहना है कि “यह सब विपक्ष की साजिश है। चुनाव आयोग से निबंधित प्रचार वाहन से केवल प्रचार सामग्री को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा रहा था। इसी दौरान विपक्षी प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने गाड़ी को जबरन रोक लिया और सामग्री को नुकसान पहुंचाया।” उन्होंने यह भी कहा कि वह हमेशा चुनाव आयोग के नियमों का पालन करते आए हैं और आगे भी करेंगे।


इलाके में मंत्री जी की छवि पर असर

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब मंत्री जी विवादों में घिरे हों। स्थानीय स्तर पर अक्सर उनके खिलाफ कामकाज में ढिलाई और दिखावे के आरोप लगते रहे हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि मंत्री जी “काम तो करते हुए नजर आते हैं, लेकिन जमीन पर कुछ ठोस नहीं दिखता।”


विधानसभा क्षेत्र में सड़क, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी समस्याएं आज भी जस की तस बनी हुई हैं। जनता अब सवाल उठाने लगी है कि “जब खुद मंत्री हैं, तो विकास कार्य क्यों नहीं हो पा रहे?” — इस पर मंत्री जी अक्सर अधिकारियों पर जिम्मेदारी डालकर खुद को अलग कर लेते हैं।


चुनावी मौसम में विवाद बना चर्चा का विषय

आचार संहिता उल्लंघन का यह मामला अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया पर लोग लगातार इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग इसे विपक्ष की राजनीतिक चाल बता रहे हैं तो कुछ मंत्री जी की छवि पर सवाल उठा रहे हैं।


हालांकि, अब सबकी निगाहें चुनाव आयोग की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो मंत्री जी की उम्मीदवारी पर भी संकट गहर सकता है। लेकिन अगर आरोप गलत साबित होते हैं, तो मंत्री जी इसे विपक्ष की साजिश बताकर जनता की सहानुभूति बटोर सकते हैं। फिलहाल, मिथिलांचल का यह राजनीतिक घटनाक्रम बिहार चुनावी माहौल में नया मोड़ जोड़ चुका है, जिससे सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष — दोनों में हलचल बढ़ गई है।