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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 16 Oct 2025 12:48:09 PM IST
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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ती जा रही हैं। इस बार चुनाव में सभी प्रमुख पार्टियां अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटी हैं, ताकि विधानसभा की 243 सीटों में अपनी ताकत बढ़ा सकें। इसी बीच, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि पार्टी ने सामाजिक संतुलन और कास्ट आधारित समीकरण को प्राथमिकता दी है। जेडीयू का यह कदम इस बार के चुनाव में उनकी रणनीति की एक बड़ी झलक देता है।
जेडीयू की रणनीति के अनुसार, पार्टी ने इस बार अति पिछड़ा वर्ग (OBC) को सबसे अधिक महत्व दिया है। इसके बाद दलित और अन्य पिछड़े वर्गों का ध्यान रखा गया है। जेडीयू ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वे इस बार हर समुदाय को समान अवसर देना चाहते हैं और सामाजिक इंजीनियरिंग के सटीक फार्मूले पर काम कर रहे हैं। यह रणनीति विशेष रूप से उन क्षेत्रों में कारगर हो सकती है, जहां जातीय समीकरण चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
जेडीयू की जारी लिस्ट के अनुसार, इस बार कुशवाहा समुदाय के 13 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। कुशवाहा समाज बिहार में एक प्रभावशाली OBC समुदाय माना जाता है और इस समुदाय के वोटरों को साधने के लिए पार्टी ने उन्हें विशेष महत्व दिया है। इसके अलावा कुर्मी समुदाय के 12 और भूमिहार समुदाय के 9 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। यादव समुदाय के लिए 8 उम्मीदवारों का चयन किया गया है, जबकि राजपूत समाज से 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरेंगे।
जेडीयू ने पिछड़ा वर्ग के लिए भी अलग से रणनीति बनाई है। इस वर्ग से 4 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। वहीं, इबीसी (इतर पिछड़ा वर्ग) समाज के लिए 22 उम्मीदवारों का चयन किया गया है, जो पार्टी की OBC राजनीति को और मजबूत करता है। दलित समुदाय के लिए 15 उम्मीदवारों का चयन किया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि जेडीयू दलित वोट बैंक को भी महत्व दे रही है। मुस्लिम समुदाय के लिए 4 उम्मीदवारों का टिकट सुरक्षित रखा गया है।
ब्राह्मण और आदिवासी समाज के लिए भी पार्टी ने अलग से विचार किया है। इस बार ब्राह्मण समुदाय से 2 उम्मीदवार और आदिवासी समाज से 1 उम्मीदवार को टिकट दिया गया है। इसके अलावा कास्ट समाज से एक और उम्मीदवार को मौका दिया गया है। यह चुनावी गणित दिखाता है कि जेडीयू ने हर वर्ग और समुदाय को चुनाव में सहभागी बनाने का प्रयास किया है, ताकि सभी समुदायों के मतदाता खुद को प्रतिनिधित्व महसूस करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि जेडीयू की यह सामाजिक इंजीनियरिंग की रणनीति पार्टी को चुनाव में मजबूती दे सकती है। पिछड़े और दलित वर्गों के वोटों पर निर्भरता वाले विधानसभा क्षेत्रों में यह रणनीति अधिक कारगर साबित हो सकती है। जेडीयू ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस बार केवल जातीय समीकरण नहीं बल्कि उम्मीदवार की लोकप्रियता, क्षेत्रीय पहचान और प्रशासनिक अनुभव को भी महत्व दिया गया है।
कुल मिलाकर, जेडीयू की यह उम्मीदवार सूची बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पार्टी की रणनीतिक सोच को दर्शाती है। पार्टी ने हर समुदाय और जाति का ध्यान रखते हुए टिकट वितरण किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि जेडीयू हर वर्ग को संतुष्ट करके चुनाव में मजबूत स्थिति हासिल करना चाहती है। यह सूची न केवल चुनावी राजनीति की दिक्कतों को दिखाती है बल्कि पार्टी की दूरदर्शी सोच और रणनीतिक योजना को भी उजागर करती है।
इस तरह जेडीयू ने चुनावी मैदान में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए जातीय समीकरण और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है। पार्टी का यह कदम यह दर्शाता है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जेडीयू हर वर्ग के मतदाता को ध्यान में रखते हुए सत्ता की ओर अपने कदम बढ़ा रही है।
मुख्य हाइलाइट्स:
कुशवाहा: 13 उम्मीदवार
कुर्मी: 12 उम्मीदवार
भूमिहार: 9 उम्मीदवार
यादव: 8 उम्मीदवार
राजपूत: 10 उम्मीदवार
पिछड़ा वर्ग: 4 उम्मीदवार
इबीसी: 22 उम्मीदवार
दलित: 15 उम्मीदवार
मुस्लिम: 4 उम्मीदवार
ब्राह्मण: 2 उम्मीदवार
आदिवासी: 1 उम्मीदवार
कायस्थ - 1 उम्मीदवार
यह साफ दर्शाता है कि जेडीयू ने बिहार के जातीय और सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए चुनावी तैयारियां पूरी कर ली हैं।