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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 31 Oct 2025 11:46:34 AM IST
 
                    
                    
                    बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। चुनाव के प्रत्याशी लगभग तय हो चुके हैं और उनके पक्ष में लगातार चुनावी रैलियों, जनसभाओं और प्रचार-प्रसार का दौर जारी है। ऐसे में प्रत्याशियों की सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा बन गई है। साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी भागीदारी बनाने के लिए जनता को लुभाने की कोशिश में लगे हुए है।
जानकारी के मुताबिक , पुलिस मुख्यालय से डीआईजी (सुरक्षा) ने सभी जिलों के एसएसपी/एसपी को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें प्रत्याशियों की सुरक्षा के लिए पीएसओ (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) के साथ रहने की अनिवार्यता बताई गई है। खासतौर पर यदि कोई प्रत्याशी रात के समय चुनावी क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं, तो उनके साथ पीएसओ का होना अनिवार्य होगा।
जानकारी के अनुसार, विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार या निर्दलीय प्रत्याशियों के नामांकन पत्र दाखिल होते ही खतरे का आकलन शुरू कर दिया जाता है। इस आकलन में यदि किसी प्रत्याशी पर सुरक्षा जोखिम की संभावना पाई जाती है, तो उन्हें तुरंत सुरक्षा प्रदान की जाती है। इसके तहत उन्हें पीएसओ की व्यवस्था की जाती है, जो हर समय प्रत्याशी के साथ रहते हैं, चाहे वह जनसंपर्क कार्यक्रम में हों या जनसभा/रैली में शामिल हों।
पुलिस ने बताया कि पीएसओ को सुरक्षा प्राप्त प्रत्याशी के हर गतिविधि में साथ रहना होगा। चाहे वह किसी वीआईपी कार्यक्रम में भाग लें, चुनाव प्रचार में सक्रिय हों या ग्राम/शहरी क्षेत्रों में दौरे पर जाएं, पीएसओ की उपस्थिति अनिवार्य रहेगी। इसके अलावा, पुलिस ने प्रत्याशियों और उनके दलों को भी सुरक्षा नियमों का पालन करने और संकटकालीन स्थितियों में तुरंत स्थानीय पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी है।
बिहार में विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होने हैं, जबकि परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। पुलिस प्रशासन का कहना है कि चुनाव के दौरान प्रत्याशियों की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा टीमें बनाई गई हैं और सभी जिलों में मोबाइल सुरक्षा फोर्स सक्रिय रहेंगे। इसके अतिरिक्त, चुनावी हिंसा और सुरक्षा खतरों को रोकने के लिए सीसीटीवी निगरानी, ड्रोन मॉनिटरिंग और जमीनी स्तर पर गश्त बढ़ाई जाएगी।
ऐसे में माना जा रहा है कि बिहार में प्रत्याशियों की सुरक्षा का यह कदम चुनावी लोकतंत्र और शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। पुलिस प्रशासन का उद्देश्य न केवल प्रत्याशियों को सुरक्षा प्रदान करना है, बल्कि मतदाता और आम जनता के लिए भी सुरक्षित चुनावी वातावरण तैयार करना है। विधानसभा चुनाव में सुरक्षा के इस तरह के इंतजाम से प्रत्याशी निश्चिंत होकर चुनाव प्रचार कर पाएंगे और मतदाता भी अपने अधिकार का प्रयोग सुरक्षित वातावरण में कर सकेंगे।