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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Nov 2025 09:01:47 AM IST
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Bihar Cabinet Meeting : मंगलवार को बिहार में नीतीश कुमार सरकार की पहली कैबिनेट बैठक होने जा रही है। इस बैठक को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। बैठक में सरकार अपने चुनावी एजेंडे, रोजगार सृजन और पलायन रोकने जैसे बड़े मुद्दों पर औपचारिक मंजूरी दे सकती है। विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए ने इन मुद्दों को अपनी प्राथमिकता बताया था, ऐसे में उम्मीद है कि नई सरकार की पहली बैठक से ही रोजगार और विकास से जुड़े बड़े फैसले सामने आएंगे।
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत सभी 26 मंत्री शामिल होंगे। इसके अलावा बैठक में विशेष विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा होने की संभावना है। संभावित सत्र को ध्यान में रखते हुए पटना जिला प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिलास्तर, अनुमंडल और प्रखंड स्तर के सभी अधिकारियों की छुट्टियों पर तत्काल रोक लगा दी है। यह रोक तब तक प्रभावी रहेगी जब तक संभावित सत्र संपन्न नहीं हो जाता।
सोमवार को कई मंत्रियों ने शुभ मुहूर्त में अपने-अपने विभागों का कार्यभार संभाल लिया। शराबबंदी विभाग की कमान बिजेंद्र यादव को सौंपी गई, जबकि सुरेंद्र मेहता ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, संजय सिंह टाइगर ने श्रम संसाधन विभाग और विजय सिन्हा ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी संभाली। शनिवार को भी कुछ मंत्रियों ने कार्यभार ग्रहण किया था। उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश ने पंचायती राज मंत्रालय, अशोक चौधरी ने ग्रामीण कार्य विभाग और श्रेयंसी सिंह ने आईटी विभाग का जिम्मा संभाला।
विशेषज्ञों का कहना है कि नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक से यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि रोजगार सृजन, पलायन रोकने और प्रशासनिक सख्ती को लेकर तेजी से काम शुरू होगा। इसके साथ ही संभावित विशेष विधानसभा सत्र की तैयारियों को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
कैबिनेट बैठक के एजेंडे में रोजगार के अवसर बढ़ाने, उद्योग और व्यापार को प्रोत्साहित करने, युवाओं के लिए स्वरोजगार योजनाओं पर फैसला लेने और ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन रोकने के लिए रणनीतियों को शामिल किया गया है। इसके अलावा सरकार डिजिटल सुधारों, भूमि सुधार और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को भी आगे बढ़ाने की योजना बना रही है।
पटना में प्रशासन की तैयारियों को देखते हुए जिले के मुख्यालय, अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर पुलिस बल तैनात किया गया है। सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई गई है और संभावित सत्र के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष टीमों को सतर्क किया गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह बैठक नई सरकार के लिए एक मजबूत शुरुआत साबित होगी। इसके माध्यम से सरकार अपने चुनावी वादों को धरातल पर उतारने के लिए ठोस कदम उठा सकती है। युवा और बेरोजगारों के लिए रोजगार के नए अवसर और पलायन रोकने की दिशा में पहल सरकार की प्राथमिकता होगी।
इस बैठक से स्पष्ट संदेश यह भी मिलेगा कि सरकार प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने और योजना कार्यान्वयन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए गंभीर है। उम्मीद है कि बैठक में लिए गए फैसले राज्य के विकास और सामाजिक स्थिरता को मजबूत करेंगे।
संक्षेप में, बिहार की पहली कैबिनेट बैठक में रोजगार सृजन, पलायन रोकने, विशेष विधानसभा सत्र और प्रशासनिक सुधारों जैसे बड़े मुद्दों पर चर्चा और फैसले होने की संभावना है। इससे नई सरकार की प्राथमिकताओं और दिशा का स्पष्ट संकेत मिलेगा।