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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 16 Nov 2025 04:07:52 PM IST
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Bihar Assembly Election : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन के भीतर उपजी फूट और ‘फ्रेंडली फाइट’ ने गठबंधन को गहरी चोट पहुंचाई है। इस बार राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल एक-दूसरे के खिलाफ ही मैदान में डटे रहे। सीट बंटवारे में खींचतान और अंतिम समय तक सहमति न बनने का सीधा लाभ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मिला। परिणाम यह हुआ कि इन सभी 11 सीटों पर एनडीए के प्रत्याशियों ने निर्णायक जीत दर्ज कर सीटों पर कब्जा जमा लिया।
इन सीटों में वैशाली, राजापाकड़ (सुरक्षित), बिहारशरीफ, बछवाड़ा, बेलदौर, कहलगांव, सुल्तानगंज, चैनपुर, सिकंदरा (सुरक्षित), करहगर और नरकटियागंज शामिल हैं। इन सभी सीटों पर महागठबंधन के दो या कभी–कभी तीन घटक दलों के उम्मीदवार एक-दूसरे को चुनौती देते नजर आए। इस ‘दोस्ताना मुकाबले’ में एनडीए के उम्मीदवार बिना किसी खास प्रतिरोध के जीत की राह पर बढ़ते गए।
जदयू ने सबसे अधिक मारी बाज़ी, सात सीटें अपने नाम
एनडीए की ओर से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने इन 11 सीटों में सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए सात सीटों पर जीत हासिल की। वैशाली, राजापाकड़ (सुरक्षित), बेलदौर, कहलगांव, सुल्तानगंज, चैनपुर और करहगर सीटों पर जदयू उम्मीदवारों ने महागठबंधन के प्रत्याशियों को बड़े अंतर से हराया।
वैशाली सीट पर सीधी टक्कर में जदयू की जीत
वैशाली सीट पर राजद और कांग्रेस, दोनों ने उम्मीदवार उतार दिए थे। इसका सीधा लाभ जदयू उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक सिद्धार्थ पटेल को मिला। उन्होंने राजद उम्मीदवार अजय कुमार को 32,590 वोटों से हराया। कांग्रेस के संजीव सिंह तीसरे स्थान पर रह गए।
राजापाकड़: कांग्रेस-भाकपा के मुकाबले में जदयू विजयी
राजापाकड़ (सुरक्षित) सीट पर कांग्रेस और भाकपा एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी बने हुए थे। इसका फायदा उठाते हुए जदयू उम्मीदवार महेन्द्र राम ने कांग्रेस की प्रतिमा कुमारी को 48,189 मतों से मात दी। भाकपा उम्मीदवार मोहित पासवान तीसरे स्थान पर रहे।
बेलदौर: कांग्रेस–IIP की जंग, फायदा जदयू को
बेलदौर में कांग्रेस और इंडियन इंक्लूसिव पार्टी (IIP) के बीच मुकाबला था। जदयू के पन्ना सिंह पटेल ने कांग्रेस प्रत्याशी मिथिलेश कुमार निषाद को 35,175 वोटों से हराकर सीट बरकरार रखी।
कहलगांव: दिग्गजों के बीच जदयू की भारी जीत
कहलगांव में कांग्रेस के प्रवीण सिंह कुशवाहा और राजद के रजनीश भारती आमने-सामने थे। लेकिन चुनावी मैदान में सबसे आगे निकलकर शुभानंद मुकेश ने राजद उम्मीदवार को 50,112 वोटों के विशाल अंतर से शिकस्त दी। कांग्रेस उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहे।
सुल्तानगंज में जदयू का दबदबा
सुल्तानगंज सीट पर कांग्रेस के ललन कुमार और राजद के चंदन सिन्हा लड़ रहे थे। जदयू के ललित नारायण मंडल ने राजद प्रत्याशी को 31,116 वोटों से हराया। कांग्रेस उम्मीदवार तो 3,000 वोट भी नहीं जुटा सके।
चैनपुर: VIP–RJD की भिड़ंत, जीत JDU की
चैनपुर में राजद के बृजकिशोर बिन्द और वीआईपी के बाल गोविन्द बिन्द के बीच महागठबंधन की अंदरूनी टक्कर ने भाजपा को नहीं, बल्कि जदयू को फायदा दिया। जदयू के मंत्री जमा खान ने 6,877 वोटों से जीत दर्ज की। वीआईपी अध्यक्ष बाल गोविंद बिन्द सातवें स्थान पर रहे।
करहगर: कांग्रेस–भाकपा की फाइट, जीत JDU की
करहगर में कांग्रेस के संतोष मिश्रा और भाकपा के महेन्द्र गुप्ता के बीच लड़ाई थी। जदयू उम्मीदवार वशिष्ठ सिंह ने बसपा उम्मीदवार उदय प्रताप सिंह को 35,676 वोटों से हराया। कांग्रेस तीसरे और भाकपा सातवें स्थान पर रही।
भाजपा ने तीन सीटों पर दिखाया दम
एनडीए की दूसरी प्रमुख पार्टी भाजपा ने बिहारशरीफ, बछवाड़ा और नरकटियागंज तीनों सीटों पर शानदार जीत हासिल की।
बिहारशरीफ: भाजपा मंत्री डॉ. सुनील की छठी जीत
बिहारशरीफ में कांग्रेस और भाकपा की आपसी लड़ाई के बीच भाजपा उम्मीदवार डॉ. सुनील कुमार ने कांग्रेस के उमैद खान को 29,168 वोटों से हराया। यह उनकी लगातार छठी जीत है।
बछवाड़ा: कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई का लाभ BJP को
बछवाड़ा में युवा कांग्रेस अध्यक्ष शिव प्रकाश गरीब दास और भाकपा के अवधेश राय मैदान में थे। भाजपा के सुरेंद्र मेहता ने कांग्रेस उम्मीदवार को 15,841 वोटों से पराजित किया।
नरकटियागंज में BJP की धमाकेदार जीत
नरकटियागंज में कांग्रेस के शाश्वत केदार और राजद के दीपक यादव आपस में भिड़े। इसी बीच भाजपा उम्मीदवार संजय कुमार पांडेय ने राजद उम्मीदवार को 26,458 वोटों से हराकर सीट कब्जे में कर ली। कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही।
सिकंदरा (सुरक्षित) पर HAM का कब्जा बरकरार
हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा (हम) के प्रफुल्ल मांझी ने राजद के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को 23,907 वोटों से हराया। कांग्रेस प्रत्याशी पाँचवें नंबर पर रहे।
सीट बंटवारे में देरी बनी महागठबंधन की हार की वजह
इन सभी 11 सीटों पर महागठबंधन की हार की सबसे बड़ी वजह रही सीट बंटवारे में देरी, आपसी खींचतान और अंत तक एकमत न होना। जिन सीटों पर महागठबंधन पहले मजबूत स्थिति में था, उनमें से कई इस बार एनडीए की झोली में चली गईं। 2020 में जीती दो सीटें—राजापाकड़ और करहगर—भी कांग्रेस के हाथ से निकल गईं।
स्पष्ट है कि जहाँ एनडीए ने रणनीति के साथ एकजुट होकर चुनाव लड़ा, वहीं महागठबंधन का बिखराव उसके लिए विनाशकारी साबित हुआ। चुनाव परिणामों ने एक बार फिर गठबंधन राजनीति की सबसे बड़ी सीख दोहराई एकता में शक्ति है, विभाजन में पराजय।