1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 09 Dec 2025 05:58:17 PM IST
5 साल से चल रही थी नकली सिगरेट की फैक्ट्री - फ़ोटो
MUNGER: यदि आप भी सिगरेट पीते हैं, तो सावधान हो जाइए। क्योंकि मार्केट में नकली सिगरेट आ गया है, जिसकी पहचान किये बगैर लोग सेवन करते हैं और काल के गाल में समा जाते हैं। ताजा मामला बिहार के मुंगेर जिले का है, जहां की पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। शहर के बीचो-बीच पांच साल से चल रही नकली सिगरेट फैक्ट्री का उद्बेदन पुलिस ने किया है।
यहां के भारी मात्रा में गोल्ड फ्लैक, कैपिस्टन और विल्स जैसे नामी ब्रांडों के नकली सिगरेट बनाया जाता था और इसे बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सप्लाई की जा रही थी। पुलिस ने छापेमारी कर लाखों रुपए मूल्य का नकली सिगरेट बरामद किया है। वही मौके से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है जबकि मुख्य आरोपी मोहम्मद हयात खां पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया।
मुंगेर पुलिस ने सोमवार रात पूरबसराय थाना क्षेत्र के काली तजिया वार्ड संख्या 24 में स्थित हयात खां के घर पर छापेमारी कर पांच वर्षों से चल रही नकली सिगरेट फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। आरोपी ने अपने घर को ही मिनी सिगरेट फैक्ट्री में बदल रखा था, जहां बड़े स्तर पर सिगरेट तैयार करने, पैकिंग करने और शहर एवं ग्रामीण इलाकों में सप्लाई करने का पूरा नेटवर्क चलता था। आई०टी०सी० कंपनी को जब मुंगेर कनेक्शन की भनक लगी, तो कंपनी के लीगल मैनेजर शिवा ने विभिन्न जिलों से सैंपल इकट्ठा कर जांच कराई।
लैब रिपोर्ट में सामने आया कि बाजार में बिक रही बड़ी संख्या में सिगरेट नकली हैं और इनका कनेक्शन मुंगेर से जुड़ा है। पूरी जानकारी एसपी सैयद इमरान मसूद को दी गई, जिसके बाद गुप्त निगरानी शुरू हुई। सदर एस०डी०पी०ओ० अभिषेक आनंद, प्रशिक्षु डी०एस०पी० अभिषेक चौबे और मिथिलेश तिवारी सहित कई थानों की संयुक्त टीम ने मो० हयात खां के घर पर छापेमारी की। छापेमारी की भनक लगते ही हयात खां फरार हो गया। उसकी पत्नी ने पूछताछ में बताया कि उसने आशंका के चलते भारी मात्रा में माल और मशीनें पड़ोस के घर में शिफ्ट कर दी थीं।
इसके बाद पुलिस ने उस घर पर भी छापा मारा, जहां से 3 लाख 12 हजार पीस छोटा गोल्ड फ्लैक,10 हजार पीस बड़ा गोल्ड फ्लैक ,सिगरेट का कवर , नकली स्टीकर , नकली आईटीसी लिमिटेड का 11 हजार 600 पिक। सीलिंग मशीन , पैकिंग मशीन और पैकिंग सामग्री बरामद की गई। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि जब्त सामग्री की कीमत 40 से 50 लाख रुपये के बीच है।
जांच में यह भी सामने आया कि हयात खां दुकानदारों को प्रति पैकेट सिर्फ 30–35 रुपये में माल सप्लाई करता था और एक ही ब्रांड के चार अलग-अलग वर्जन तैयार करता था ताकि पहचान न हो सके। पुलिस मामले की जांच में जुटी है इसमें एक आरोपी मो० अमीषा फिरोज को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि मुख्य आरोपी की तलाश जारी है। वहीं इस मामले में आईटीसी के शाकिर अली के द्वारा मामला दर्ज करवाया गया है।