Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर खूनी संघर्ष, दबंगों ने पीट-पीटकर की युवक की हत्या Bihar Crime News: ‘यादवों के खिलाफ बोला तो गोली मार दूंगा’, बीजेपी सांसद रवि किशन को जान से मारने की धमकी Bihar Crime News: ‘यादवों के खिलाफ बोला तो गोली मार दूंगा’, बीजेपी सांसद रवि किशन को जान से मारने की धमकी Bihar Politics: बारिश और खराब मौसम के बीच भी RJD प्रत्याशी रामबाबू सिंह का तूफानी जनसंपर्क, क्षेत्र की जनता ने किया भव्य स्वागत Bihar Politics: बारिश और खराब मौसम के बीच भी RJD प्रत्याशी रामबाबू सिंह का तूफानी जनसंपर्क, क्षेत्र की जनता ने किया भव्य स्वागत Bihar Election 2025: चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे रीतलाल यादव, पटना हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका Bihar Election 2025: चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे रीतलाल यादव, पटना हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका Bihar Politics: ‘बिहार एनडीए के साथ, विपक्ष का मैनिफेस्टो आईवॉश’, रोहित सिंह का तेजस्वी पर हमला Bihar Politics: ‘बिहार एनडीए के साथ, विपक्ष का मैनिफेस्टो आईवॉश’, रोहित सिंह का तेजस्वी पर हमला Dharmendra Health: बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार धर्मेंद्र की तबीयत बिगड़ी, ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुए भर्ती
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 22 Mar 2025 07:30:36 PM IST
 
                    
                    
                    सफलता की कहानी - फ़ोटो GOOGLE
Success Story: आज सफलता की कहानी में ऐसे आईएएस की कहानी बताने जा रहे है, जिसने अपने जीवन को देश के नाम पर समर्पित है। दरअसल, आईएएस अमित कटारिया एक ऐसा नाम है, जिसने अपना जीवन समर्पित सिविल सेवा के नाम कर इतिहास रच दिया है। अमित कटारिया का नाम सिविल सेवा अधिकारियों और यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक मिसाल कायम किया है।
वहीं, उनकी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और संपत्ति के बारे में जाना जाता है। वे भारत के सबसे डेमोक्रेसी ब्यूरोक्रेसी में से एक हैं। जानकारी के मुताबिक, कटारिया के पास लगभग 8.90 करोड़ रुपये की संपत्ति है, लेकिन उनकी असली पहचान जनसेवा के प्रति अचल संपत्ति है। जिसने आईएएस रहते हुए भी एक रूपये की सैलरी ली है।
साधारण शुरुआत से लेकर आईएएस बनने तक का सफर
अमित कटारिया का जन्म हरियाणा के गुरुग्राम में हुआ था। उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर.के. पुरम से मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्राप्त की और फिर आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक. किया लेकिन वह इतने से संतुष्ट नही थे, इसलिए उन्होंने आईएएस की तैयारी शुरू कर दिया। अमित बताते है कि अपने जीवन में कठिन अनुशासन और दृढ़ संकल्प किया और तैयारी शुरू कर दी।
आईएएस परीक्षा में शानदार सफलता
अमित उन्होंने 2003 में यूपीएससी परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल की और 2004 में बैक के छत्तीसगढ़ कैडर के अधिकारी बने। अपने करियर में उन्होंने एसोसिएट्स से लेकर जॉइंट क्रिस्टोफर, डिपार्टमेंट ऑफ रूरल डॉयलॉग तक कई अहम प्रयोगशालाओं पर काम किया।
महज़ 1 रुपये का वेतन निकालने का निर्णय
अमित कटारिया के करियर की सबसे अनोखी बात यह है कि उन्होंने अपनी सेवा के एक महत्वपूर्ण चरण में केवल 1 रुपये का वेतन लेने का फैसला लिया। यह उनकी सिविल सेवा के प्रति निस्वार्थ अभिलेख का विवरण है। उनका मानना था कि आईएएस अधिकारी के रूप में उनकी भूमिका देश की सेवा करना है, न कि पैसा कमाना।
अमीर आईएएस अधिकारी की छवि
हालाँकि, उन्होंने सरकारी वेतन नहीं लिया, फिर भी वे सबसे अमीर आईएएस अधिकारियों में से एक माने जाते हैं। उनकी संपत्ति उनके परिवार के रियल एस्टेट बिजनेस से जुड़ी है और परिवार ने दिल्ली NCR क्षेत्र में प्रॉपर्टी में अच्छा निवेश किया है। इन होल्डिंग्स ने उनकी संपत्ति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जो लगभग 8.90 करोड़ रुपये आंकी गई है।
वहीं अमित की व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो पत्नी अस्मिता हांडा भी एक कमर्शियल पायलट के रूप में एक वर्किंग वुमन हैं। वे भी अपने सफल करियर से परिवार की संपत्ति में योगदान करती हैं।
2015 में मुस्कान में आये थे चर्चा में
अमित कटारिया 2015 में चर्चा में आए थे, जब वे पर्यावरण के लोकतंत्र थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान उन्होंने धूप का चश्मा का स्वागत किया, जहां पैनल को लेकर विवाद खड़ा हो गया। इस चुनौती के बावजूद वे एक योग्य और आईएएस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।
अमित कटारिया के जीवन बहुत ही प्रेरणादायक है इनकी कहानी ईमानदारी, कर्तव्य और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल है। उनकी संपत्ति के बावजूद, उनका मुख्य उद्देश्य देश की सेवा करना है। वे सिविल सेवा के उन दुर्लभ अधिकारियों में से हैं जो व्यक्तिगत सफलता और जनसेवा के बीच संतुलन बनाए रखने में विश्वास रखते हैं।