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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 16 May 2025 02:06:37 PM IST
सैनिक स्कूल नगरोटा - फ़ोटो Google
Indian Army School: भारतीय सेना में अफसर बनने का सपना लाखों छात्रों का होता है, लेकिन कुछ चुनिंदा संस्थान ऐसे हैं जो इस सपने को हकीकत में बदलने की नींव रखते हैं। सैनिक स्कूल ऐसे ही प्रतिष्ठित संस्थान हैं, जहां बच्चों को न सिर्फ शिक्षा बल्कि अनुशासन, नेतृत्व और देशभक्ति के साथ तैयार किया जाता है।
क्या है सैनिक स्कूल नगरोटा?
सैनिक स्कूल नगरोटा भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा 22 अगस्त 1970 को स्थापित किया गया था। यह देश के 33 सैनिक स्कूलों में से एक प्रमुख आवासीय विद्यालय है, जो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्ध है। विद्यालय का उद्देश्य छात्रों को शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुशासन, और नेतृत्व कौशल प्रदान करना है ताकि वे भारतीय सशस्त्र बलों में अधिकारी बन सकें।
क्या हैं सैनिक स्कूल?
सैनिक स्कूल भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा चलाए जाने वाले आवासीय विद्यालय हैं। इनका उद्देश्य छात्रों को अनुशासन, नेतृत्व और शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ सैन्य सेवाओं में जाने के लिए तैयार करना है। देशभर में वर्तमान में 33 सैनिक स्कूल हैं और नए स्कूलों की योजना भी बनाई जा रही है। कक्षा 6 और 9 में प्रवेश के लिए हर साल आयोजित होती है AISSEE (All India Sainik School Entrance Exam) वहीँ परीक्षा का संचालन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) करती है। बता दे कि अब इसमें लड़के और लड़कियां दोनों हिस्सा ले सकते हैं। और आयु सीमा की बात करें तो कक्षा 6 के लिए: 10–12 वर्ष कक्षा 9 के लिए: 13–15 वर्ष होना चाहिए |
क्यों खास है NDA में सफलता?
NDA (National Defence Academy) भारत की तीनों सेनाओं — थलसेना, वायुसेना और नौसेना — में अधिकारी बनने का सबसे प्रतिष्ठित और कठिन रास्ता है। एक ही परीक्षा से तीनों सेवाओं के द्वार खुलते हैं, और इसी परीक्षा में सैनिक स्कूलों से इतने छात्रों का चयन होना इन संस्थानों की गुणवत्ता और प्रशिक्षण के स्तर को दर्शाता है।
अभिभावकों के लिए संदेश:
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे में राष्ट्रभक्ति, अनुशासन, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व गुण विकसित हों, तो सैनिक स्कूल एक बेहतरीन विकल्प हैं। यहां शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक विकास भी समान रूप से होता है।