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टेस्ला की भारत में एंट्री किसी सामान्य लॉन्च की तरह नहीं होगी। कंपनी की पहली पेशकश महंगा Model Y होगा, न कि सस्ता Model 3 या चर्चाओं में रहा Model 2। टेस्ला के लिए भारत में अपनी शुरुआत में जो सबसे बड़ा सवाल था, वह था कि कौन सी कार को सबसे पहले पेश किया जाएगा। अब यह स्पष्ट हो गया है कि टेस्ला Model Y को भारत में लॉन्च करेगी। यह कार पूरी तरह से बर्लिन से आयात की जाएगी, क्योंकि वहां इसका राइट-हैंड ड्राइव संस्करण बनता है। वहीं, Model 3 जो शंघाई में बनता है, उसकी भारत में एंट्री फिलहाल टल सकती है, क्योंकि चीन से कारों के आयात पर कुछ सीमाएं हैं।
भारत में Model Y की कीमत 60-70 लाख रुपये के बीच हो सकती है, जो उसे मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी के इलेक्ट्रिक कार विकल्पों से प्रतिस्पर्धा में लाएगी। बताया जा रहा है कि अगर टेस्ला की कारें 50 लाख रुपये से ऊपर की रेंज में आती हैं, तो यह जर्मन कार निर्माताओं (जैसे मर्सिडीज-बेंज, ऑडी, बीएमडब्ल्यू) के बाजार हिस्से में सेंध लगाएगा। वहीं अगर टेस्ला की कारों की कीमत 25-35 लाख रुपये के बीच होती है, तो यह भारतीय निर्माताओं (जैसे टाटा मोटर्स और महिंद्रा) के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है।
टेस्ला भारत में एक 'टॉप-डाउन' रणनीति के तहत एंटर करेगी, जिसका मतलब है कि शुरुआत में पूरी तरह से बने-बनाए यूनिट (Completely Built Units - CBU) भारत में आएंगे और बाद में कंपनी Completely Knocked Down (CKD) Kits के माध्यम से लोकल असेंबली शुरू कर सकती है। यही नहीं, टेस्ला भारत में अपनी पूरी बैटरी और चार्जिंग इकोसिस्टम भी लेकर आएगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक पूरी पारिस्थितिकी तंत्र तैयार हो सकेगा।
भारत के बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टेस्ला का प्रवेश केवल एक 'कार' के लॉन्च से अधिक होगा। हालांकि, महिंद्रा ग्रुप के आनिष शाह ने टेस्ला के आने से ज्यादा चिंतित न होने का बयान दिया है। उनका कहना है कि "हमारे उत्पाद खुद ही अपनी अहमियत साबित करते हैं, हमें टेस्ला के भारत में एंट्री से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"