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FASTag Rules: 1 April से बदल गए फास्टैग के नियम! आप भी चलाते हैं गाड़ी तो जान लीजिए..

FASTag Rules

01-Apr-2025 11:06 AM

FASTag Rules: आज यानी 1 अप्रैल, 2025 से कई नियमों में बदलाव किए गए हैं, और कुछ नए नियम भी लागू हो गए हैं। फास्टैग से संबंधित भी कुछ बदलाव किए गए हैं। फास्टैग को सभी राज्यों में अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन कुछ राज्यों में अभी भी इस पर छूट दी जा रही है। सभी वाहनों पर फास्टैग होना जरूरी है। अब महाराष्ट्र में भी इसे अनिवार्य कर दिया गया है।


दरअसल, फास्टैग एक छोटा RFID टैग है, जो ड्राइवर्स को टोल का भुगतान अपने आप करने में मदद करता है। यह टैग वाहन की विंडस्क्रीन पर चिपकाया जाता है और सीधे बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है। यदि फास्टैग नहीं होता है, तो ड्राइवर को दोगुना टोल चुकाना पड़ता है। 


फास्टैग को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि ड्राइवर किसी भी टोल प्लाजा पर इसे इस्तेमाल कर सकते हैं, चाहे वह किसी भी कंपनी द्वारा संचालित हो। इस सिस्टम के कारण वाहन को टोल बूथ पर रुकने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे समय और ईंधन की बचत होती है। इसलिए, समय रहते फास्टैग लगवा लेना चाहिए।


यदि बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं होता है, तो फास्टैग को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद ड्राइवर टोल-फ्री सिस्टम का उपयोग नहीं कर सकेगा और उसे टोल प्लाजा पर नकद भुगतान करना होगा। टोल भुगतान को सरल बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि फास्टैग सिस्टम पूरे देश में काम करे, NPCI ने NETC प्रोग्राम की शुरुआत की है।


एक बार जब किसी वाहन पर फास्टैग लगा दिया जाता है, तो उसे किसी अन्य वाहन में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। फास्टैग को किसी भी बैंक से खरीदा जा सकता है, और यह राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) सिस्टम का हिस्सा है। यदि फास्टैग प्रीपेड अकाउंट से जुड़ा है, तो ड्राइवर को अकाउंट में बैलेंस खत्म होने पर उसे रिचार्ज करना होगा।