1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 17 Jul 2025 06:52:16 PM IST
लापरवाही पड़ गई भारी - फ़ोटो GOOGLE
BEGUSARAI: बिहार के बेगूसराय जिले में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। मैट्रिक और इंटरमीडिएट कंपार्टमेंटल परीक्षा 2025 के अंकपत्र और प्रमाणपत्र के वितरण को लेकर 33 प्लस टू स्कूलों के प्रधानाध्यापकों (हेडमास्टरों) की अनदेखी पर जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) मनोज कुमार ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने सभी संबंधित हेडमास्टरों को 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है और चेतावनी दी है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
तीन बार तय की गई थी प्रमाणपत्र वितरण की तिथि
डीईओ कार्यालय की ओर से जारी पत्र के अनुसार, कंपार्टमेंटल, विशेष परीक्षा और पुनरीक्षण परीक्षा 2025 से संबंधित अंकपत्र, औपबंधिक प्रमाणपत्र एवं क्रॉस लिस्ट के वितरण के लिए 11 और 12 जुलाई, तथा इसके बाद 15 जुलाई को दोबारा वितरण की तिथि तय की गई थी। इसके बावजूद 33 स्कूलों के हेडमास्टरों ने उक्त प्रमाणपत्रों को लेने में रुचि नहीं दिखाई।
इन स्कूलों को जारी किया गया नोटिस
जिन स्कूलों के हेडमास्टरों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है, उनमें प्रमुख हैं: एसएसएमडीसी कॉलेज, दहिया, स्वामी विवेकानंद माध्यमिक विद्यालय, लोहियानगर, दुर्गा प्लस टू स्कूल, मेघौल, रामनंदन प्लस टू स्कूल, मोहनपुर, प्लस टू स्कूल, सादपुर साहेबपुर कमाल, प्लस टू स्कूल, रजाकपुर नावकोठी, प्लस टू स्कूल, गोपालपुर और प्लस टू स्कूल, बरौनी। अन्य कई संस्थान जिनकी सूची डीईओ के पत्र में संलग्न है।
डीईओ ने जताई कड़ी नाराज़गी
डीईओ मनोज कुमार ने कहा कि, “छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बार-बार प्रमाणपत्र वितरण की तिथि निर्धारित करने के बावजूद इन स्कूलों के हेडमास्टरों द्वारा इसे नजरअंदाज करना गंभीर लापरवाही और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश की अवहेलना है।”
19 जुलाई को अंतिम मौका
डीईओ ने यह भी बताया कि संबंधित स्कूलों को 19 जुलाई को ओमर बालिका प्लस टू स्कूल, बेगूसराय में आयोजित अंतिम कैंप के दौरान प्रमाणपत्र प्राप्त करने का अंतिम अवसर दिया गया है। यदि इसके बाद भी संबंधित प्रधानाध्यापक प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं करते हैं, तो तत्काल विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
इस लापरवाही के कारण कई छात्र-छात्राओं को समय पर अपने अंकपत्र और प्रमाणपत्र नहीं मिल सके हैं, जिससे उन्हें कॉलेज में दाखिले या अन्य शैक्षणिक अवसरों में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षा विभाग के इस सख्त कदम से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि भविष्य में ऐसी अनदेखी पर अब कठोर कार्रवाई होगी।