Bihar News: बिहार में विकास की हकीकत! घुटने भर पानी में पुलिस; लॉकअप से लेकर वायरलेस रूम तक जलजमाव

Bihar News: बिहार में हो रही लगातार बारिश ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है। वैशाली जिले के बिदुपुर थाना परिसर में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि पूरा थाना परिसर बारिश के पानी से जलमग्न हो गया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 16 Sep 2025 11:47:38 AM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: बिहार में हो रही लगातार बारिश ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है। वैशाली जिले के बिदुपुर थाना परिसर में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि पूरा थाना परिसर बारिश के पानी से जलमग्न हो गया है। ऐसा अनुमान है कि परिसर में लगभग डेढ़ फीट तक पानी जमा हो गया है, जिससे पुलिसकर्मी पानी में खड़े होकर ड्यूटी करने को मजबूर हैं।


बताया जा रहा है कि स्थिति इतनी गंभीर है कि थाने के सीरिस्ता कक्ष, वायरलेस रूम, थाना प्रभारी कक्ष और कैदी हाजत तक में पानी घुस चुका है। स्थानीय लोग और फरियादी जब थाने पहुंचते हैं तो उन्हें घुटने भर पानी से होकर गुजरना पड़ता है, जिससे न केवल आम नागरिकों को बल्कि पुलिसकर्मियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


सिर्फ थाना ही नहीं, बल्कि बिदुपुर प्रखंड मुख्यालय और अंचल कार्यालय की स्थिति भी काफी चिंताजनक है। यहां भी चारों ओर पानी भर गया है, जिससे प्रशासनिक कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। कर्मचारियों को अपने कार्यालयों तक पहुंचने और काम करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


स्थानीय निवासी शिवचंद कुमार ने बताया कि थाने के दोनों तरफ ऊंची सड़कें बनी हुई हैं, लेकिन जल निकासी की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। इस कारण हर साल बारिश के मौसम में जलजमाव की स्थिति बन जाती है, और इस बार भी वही हाल हुआ है। वहीं, स्थानीय पुजारी सुमन झा ने बताया कि ब्रह्मस्थान जैसे पवित्र स्थल के चारों ओर भी बारिश का पानी जमा हो गया है, जिससे पूजा-पाठ करने में भी दिक्कत हो रही है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से जल निकासी की तत्काल व्यवस्था करने की मांग की है।


इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की तैयारियों और जल निकासी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बारिश का मौसम हर साल आता है, लेकिन स्थायी समाधान न होने के कारण आम लोग और सरकारी कर्मचारी दोनों परेशान रहते हैं। लोगों ने मांग की है कि स्थायी ड्रेनेज सिस्टम की योजना बनाई जाए ताकि हर साल यह समस्या न दोहराई जाए।