1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 25 Sep 2025 02:23:03 PM IST
राजनीतिक साजिश का आरोप - फ़ोटो सोशल मीडिया
SIWAN: 21 सितंबर को बिहार के सिवान जिला स्थित ग्यासपुर गांव में पुलिस की रेड और लोजपा (रामविलास) नेता और खान ब्रदर्स के छोटे भाई रईस खान की गिरफ्तारी ने सियासी हलचल मचा दी। पुलिस ने उनके घर से हथियार और संदिग्ध सामान बरामद करने का दावा किया, जबकि रईस खान ने खुद को निर्दोष बताते हुए पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान को एक भावुक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है। रईस खान ने नार्को टेस्ट और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
रईस खान की गिरफ्तारी के बाद 24 सितंबर को रईस खान के वकील इष्टदेव तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने दावा किया कि पुलिस द्वारा बरामद सामान बाहर से लाया गया था और यह कार्रवाई पूरी तरह राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। रईस खान के वकील ने प्रशासन पर टारगेटेड एक्शन लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि रईस खान को जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
रईस खान को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया और तुरंत जेल भेजने की कार्रवाई की गई तब जेल जाते वक्त रईस खान ने भावुक पत्र अपने वकील को दिया और कहा कि इसे वो पार्टी के सुप्रीमो चिराग पासवान को दें। इस पत्र में यह लिखा गया है कि मुझे झूठे केस में फंसाया गया है। आपसे अनुरोध है कि उच्च कोटि की जांच एजेंसी से जांच कराएं या मेरा नार्को टेस्ट कराइए। मैं पार्टी का सिपाही हूं, मुझे और पार्टी को बदनाम किया जा रहा है।
रईस खान ने अपनी चिट्ठी के माध्यम से मुस्लिम भाइयों और सिवान की जनता से अपील करते हुए यह बात लिखा कि आज हमारी बारी है, कल आपकी भी हो सकती है। फंसाने-फंसाने का खेल बंद होना चाहिए। आप सभी बिहार और केंद्र सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग करें और मेरे लिए दुआ करें। रईस खान ने जो पत्र चिराग पासवान को लिखा है, उसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि उन्हें राजनीति के तहत फंसाया जा रहा है। उनकी यह गिरफ्तारी रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर समीकरण बदल सकती है, जहां से वे लोजपा (रामविलास) से टिकट के दावेदार थे।
अब यह सीट दिवंगत शहाबुद्दीन के बेटे और राजद उम्मीदवार ओसामा शहाब और बीजेपी के मनोज सिंह के बीच सीधे मुकाबले का मैदान बनती दिख रही है। उधर रईस खान के परिवार के लोगों ने भी प्रशासन पर टारगेटेड कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। परिजनों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है। वहीं स्थानीय मुस्लिम संगठनों ने भी नार्को टेस्ट और स्वतंत्र जांच की मांग की है। दरअसल बीते दिनों छापेमारी के दौरान एसटीएफ और पुलिस टीम ने एक देसी कट्टा, बुलेटप्रूफ जैकेट, वॉकी-टॉकी, चाकू, मादक पदार्थ, 10 मोबाइल फोन, बाइक और कई वाहन बरामद किया था। रईस खान के अलावे मुन्ना खान, अफताब और शाह आलम को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इन सभी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि ‘खान ब्रदर्स’ के नाम से मशहूर रईस और उनके भाई अयूब खान पर हत्या, अपहरण और रंगदारी समेत 52 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। 2016 में उन्हें कार्बाइन और हैंड ग्रेनेड के साथ पकड़ा गया था। 2022 में एक जवान की हत्या के मामले में भी उनका नाम आया था। दोनों भाई चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) में जनवरी 2025 में शामिल हुए थे। अब गिरफ्तारी के बाद रईस की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और भविष्य दोनों सवालों के घेरे में हैं।

