RSS: ‘सोने की चिड़िया’ नहीं, भारत को अब ‘शेर’ बनना है, दुनिया को सिर्फ शक्ति की भाषा समझ आती है: मोहन भागवत Bihar News: हमेशा के लिए बदल जाएगी बिहार के इस जिले की तस्वीर, 106 योजनाओं पर खर्च होंगे ₹59 करोड़ Bihar News: 2020 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार होंगे कम मतदाता, पिछली बार 2005 में हुआ था ऐसा INDvsENG: टेस्ट क्रिकेट में भारत ने बनाया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड, 148 साल से नहीं हुआ था यह कारनामा Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में आज बारिश का अलर्ट, वज्रपात को लेकर भी IMD ने किया सावधान अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त
1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Tue, 18 Mar 2025 08:06:15 AM IST
छपरा में बने रेल इंजन का विदेशों में होगा निर्यात - फ़ोटो google
Bihar News: पूरी दुनिया में अब मेड इन बिहार की मांग बढ़ने लगी है। इसी कड़ी में छपरा में बने रेल इंजन का जल्द ही विदेशो में निर्यात होगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में कहा कि बिहार के मढ़ौरा स्थित रेल कारखाने में तैयार होने वाले इंजन का बहुत जल्द निर्यात शुरू हो जाएगा। मेड इन बिहार लोकोमोटिव दुनिया में जाने वाला है। रेल मंत्री ने कहा कि बिहार में सारण के मढौरा में इस फैक्टरी में बने करीब 100 लोकोमोटिव का जल्द निर्यात शुरू होने वाला है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बिहार में जिस फैक्टरी की लालू प्रसाद ने सिर्फ घोषणा की थी, काम नहीं किया। 2014 से उस फैक्टरी पर काम चालू किया गया। रेल मंत्रालय के कामकाज पर उच्च सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि माल और यात्री यातायात दोनों में वृद्धि हुई है। भारत से रेल के डिब्बों का भी विभिन्न देशों को निर्यात किया जा रहा है। वैष्णव ने कहा कि यात्री तथा माल यातायात दोनों में वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने जोर दिया कि रेलवे माल ढुलाई से राजस्व अर्जित करते हुए यात्री किराए में सब्सिडी देता है।
रेल मंत्री ने कहा कि यूरोपीय देशों से ही नहीं बल्कि भारत में ट्रेनों का किराया पड़ोसी देशों के मुकाबले में बेहद कम है। उन्होंने कहा कि प्रति किलोमीटर वास्तविक लागत 1.38 रुपये है, जबकि यात्रियों से 72 पैसे ही लिए जाते हैं। अगर 350 किलोमीटर की यात्रा को देखें, तो भारत में सामान्य श्रेणी का किराया 121 रुपये है। वहीं पाकिस्तान में यह 400 रुपये और श्रीलंका में 413 रुपये है।