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मोतिहारी पुलिस का मानवीय चेहरा: सड़क हादसे में घायल एक माह के बच्चे को गोद में उठाकर अस्पताल पहुंचाया

पूर्वी चंपारण में एसडीपीओ ने जिस संवेदनशीलता और तत्परता से घायलों की मदद की, वह मानवीयता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। एसडीपीओ रंजन कुमार का यह कार्य समाज के लिए एक प्रेरणादायक है। इससे पुलिस की छवि में सुधार होता है और लोगों का पुलिस पर विश्वास बढ़ता है

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Tue, 31 Dec 2024 02:01:00 PM IST

motihari police

MOTIHARI POLICE: मोतिहारी पुलिस अब पीपुल फ्रेंडली बनने के साथ-साथ मानवता की मिसाल भी पेश कर रही है। अरेराज एसडीपीओ रंजन कुमार ने सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की मदद कर मानवीयता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।


अरेराज के दामोदरपुर के रहने वाले जयप्रकाश शुक्ला अपनी पत्नी अमरीता देवी और छोटी बच्ची के साथ मोतिहारी से इलाज कराकर कार से घर लौट रहे थे। पशुरामपुर चौक के पास एक अन्य गाड़ी के कारण उनकी कार असंतुलित होकर पेड़ से टकरा गई, जिससे कार में सवार सभी लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।


उसी समय मोतिहारी से लौट रहे एसडीपीओ रंजन कुमार ने सड़क किनारे दुर्घटनाग्रस्त कार और उसमें रोते-चिल्लाते लोगों को देखा। उन्होंने तुरंत अपनी सरकारी गाड़ी रोककर घायलों को बाहर निकाला। उन्होंने एक भाड़े की गाड़ी बुलाकर घायलों को उसमें बैठाया और खुद एक माह के बच्चे को अपनी गोद में लेकर बोरिंग चौक स्थित एबी हॉस्पिटल पहुंचे।


एसडीपीओ कुमार ने अस्पताल में घायलों को भर्ती कराया और आईसीयू से लेकर ओटी तक भागदौड़ कर उनका इलाज करवाया। चिकित्सकों द्वारा सभी घायलों को खतरे से बाहर बताने के बाद ही वे वहां से गए। फिलहाल सभी घायलों का इलाज चल रहा है। एसडीपीओ रंजन कुमार के इस कार्य की स्थानीय लोगों द्वारा खूब प्रशंसा की जा रही है।