नेपाल से भारत में चरस तस्करी का खुलासा, रक्सौल पुलिस ने 3 तस्करों को दबोचा

भारत–नेपाल सीमा रक्सौल में हरैया थाना पुलिस ने लगभग एक करोड़ रुपये मूल्य की चरस के साथ तीन अंतरराष्ट्रीय तस्करों को गिरफ्तार किया। पूछताछ के बाद पूरे तस्करी नेटवर्क का पता लगाया जाएगा।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 24 Dec 2025 05:17:27 PM IST

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चरस के साथ 3 अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरफ्तार - फ़ोटो REPORTER

MOTIHARI: भारत–नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित रक्सौल में हरैया थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब एक करोड़ रुपये मूल्य की चरस के साथ तीन अंतरराष्ट्रीय चरस तस्करों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई से सीमावर्ती इलाके में सक्रिय तस्कर गिरोह में हड़कंप मच गया है। 


पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि नेपाल से चरस की एक बड़ी खेप भारत लाई जा रही है, जिसे मोतिहारी और उत्तर प्रदेश के तस्करों के माध्यम से यूपी तक पहुंचाया जाना था। सूचना के सत्यापन के बाद हरैया थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विशेष टीम का गठन किया और सीमा क्षेत्र में सघन वाहन जांच व निगरानी शुरू की। 


इसी दौरान संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर पुलिस ने तस्करों को धर दबोचा। गिरफ्तार तस्करों के पास से भारी मात्रा में चरस बरामद की गई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग एक करोड़ रुपये आंकी जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि यह गिरोह लंबे समय से नेपाल से चरस की खेप मोतिहारी लाकर उत्तर प्रदेश तक सप्लाई कर रहा था। मामले में अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क के संकेत भी मिले हैं।


इस संबंध में रक्सौल डीएसपी मनीष आनंद ने बताया कि नेपाल से चरस की बड़ी खेप को भारत में खपाने की तैयारी की जा रही थी। पुलिस की सतर्कता से तस्करी की इस कोशिश को नाकाम कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ की जा रही है, ताकि पूरे नेटवर्क और इसके अन्य सदस्यों का खुलासा किया जा सके। 


डीएसपी ने यह भी बताया कि बरामद चरस के स्रोत, सप्लाई रूट और इसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की गहन जांच की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां सामने आएंगी। फिलहाल तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने की तैयारी की जा रही है। पुलिस की इस कार्रवाई को नशा तस्करी के खिलाफ एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, वहीं सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा और निगरानी को और कड़ा किए जाने की बात कही जा रही है।

मोतिहारी से सोहराब आलम की रिपोर्ट