Bihar News: बिहार के 11 जिलों से गुजरेगा यह छह लेन एक्सप्रेसवे, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

Bihar News: बिहार के रक्सौल-हल्दिया छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को मिली एलाइनमेंट मंजूरी, अब बिहार के 11 जिलों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। परियोजना से पूर्वी भारत के विकास को मिलेगी रफ्तार।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 07 Aug 2025 07:21:56 AM IST

Bihar News

बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: बिहार के रक्सौल से हल्दिया तक बनने वाले छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए एलाइनमेंट एप्रूवल कमेटी (AAC) ने मंजूरी दे दी है। दिल्ली में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया, जिसके बाद संबंधित जिलों को भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम प्राधिकार (Competent Authority) नियुक्त करने का निर्देश जारी किया गया है। 


यह एक्सप्रेसवे बिहार के 11 जिलों मोतिहारी, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, जमुई, लखीसराय, मुंगेर और बांका से होकर गुजरेगा। इसकी कुल लंबाई 585.350 किमी होगी और इसके लिए लगभग 60 मीटर चौड़ाई में 4866 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।


इस परियोजना के तहत बेगूसराय जिले के वीरपुर गांव के पास गंगा नदी पर 4.5 किलोमीटर लंबा पुल प्रस्तावित है, जो पूर्वी बिहार को दक्षिणी हिस्सों से जोड़ेगा। साथ ही, नदी के दोनों ओर मटिहानी और समनो गांव तक दो लेन की संपर्क सड़कें भी प्रस्तावित हैं, जिससे स्थानीय लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। पूर्वी चंपारण के भू-अर्जन पदाधिकारी गणेश कुमार ने जानकारी दी कि उन्हें भूमि सुधार विभाग के निदेशक से भू-अर्जन के लिए सक्षम प्राधिकार नियुक्त करने का निर्देश प्राप्त हुआ है और आगे की कार्रवाई जिला पदाधिकारी (DM) के निर्देशानुसार की जाएगी।


यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल से शुरू होकर दुर्गापुर वन क्षेत्र को बचाते हुए पश्चिम बंगाल के पानागढ़ और वर्द्धमान के बीच NH-19 तक पहुंचेगा। वहां से आगे हल्दिया पोर्ट तक का मार्ग पश्चिम बंगाल सरकार के परामर्श से तय किया जाएगा। यह एक्सप्रेस वे न केवल पूर्वी भारत के लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देगा, बल्कि भारत-नेपाल व्यापार, औद्योगिक विकास, और निर्यात क्षमता को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। 


साथ ही, इसके निर्माण से प्रभावित जिलों में रोजगार के अवसर, भूमि की कीमतों में वृद्धि, और कुल आर्थिक गतिविधियों में इजाफा होने की उम्मीद है। इस परियोजना को केंद्र सरकार की भारत माला परियोजना के अंतर्गत प्राथमिकता दी जा रही है, और यह न केवल बिहार बल्कि पूरे पूर्वी भारत के विकास के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।