रक्सौल रेलवे स्टेशन बना सांडों का अड्डा, यात्रियों की जान पर बना खतरा

रक्सौल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर आवारा सांडों का आतंक यात्रियों की जान पर भारी पड़ रहा है। मिथिला एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे यात्रियों में उस वक्त भगदड़ मच गई जब एक सांड प्लेटफॉर्म पर दौड़ने लगा और सामान खाने लगा।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 29 Jun 2025 03:56:41 PM IST

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यात्रीगण कृपया ध्यान दें - फ़ोटो REPOTER

EAST CHAMPARAN: यदि आप भी रक्सौल रेलवे स्टेशन से यात्रा करने की सोच रहे है,तो सावधान हो जाइए। क्योंकि आप यहां ट्रेन पकड़ने पहुंचेंगे और हादसे के शिकार हो जाएंगे। यह सही बात है कि कि रक्सौल स्टेशन के प्लेटफार्म पर आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे यात्रियों की जान पर खतरा बना रहता है। यात्री जब ट्रेन पकड़ने आते हैं या फिर ट्रेन से उतरते हैं तब उन्हें टीटी की जगह प्लेटफार्म पर सांढ खड़ा मिलता है। 


जिसे देखकर यात्री भी घबरा जाते है। ऐसा लगता है कि प्लेटफार्म पर यात्रियों के स्वागत के लिए साढ़ खड़ा रहता है। इस तरह का नजारा प्लेटफार्म नम्बर पर अक्सर देखने को मिलता है। लेकिन इसे प्लेटफार्म से हटाने वाला कोई नहीं है। तभी तो यह बेखौफ होकर प्लेटफार्म पर खड़ा रहता है। इस पर ना तो शायद आरपीएफ की नजर पड़ती है और ना ही जीआरपी की। लेकिन अक्सर इससे यात्रियों को खतरा बना रहता है। 


रक्सौल स्टेशन पर उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब सैकड़ों की संख्या में यात्री प्लेटफार्म नम्बर एक पर मिथिला एक्सप्रेस ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे थे। उसी वक्त एक साढ़ प्लेटफार्म नम्बर एक पर आ गया। वह यात्रियों के रखे सामान को खाने का प्रयास करने लगा। साढ़ ने प्लेटफार्म पर रखे सामान को भी खाने की कोशिश की। यात्रियों ने जब उसे भगाने की कोशिश की तो साढ़ प्लेटफार्म पर ही दौड़ने लगा। यह देख यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई। 


साढ़ की डर से यात्री इधर-उधर भागने लगे लेकिन स्टेशन एवं प्लेटफार्म पर दूर-दूर तक ना तो जीआरपी दिखा और ना ही आरपीएफ के जवान ही नजर आए। इस सबंध में चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष और रेल यात्री परामर्शदात्री समिति के सदस्य अरुण कुमार गुप्ता ने कहा की यह रेल विभाग की बड़ी लापरवाही है। इस सबंध में डीआरएम से शिकायत करूंगा। वही स्थनीय समाजसेवी रंजीत सिंह ने कहा की रक्सौल रेल प्रशासन सिर्फ लूटने में लगी रहती है। 


यात्रियों की सुविधा और ख्याल रखने से कोई मतलब नही है। जिस तरह से भीड़ भाड़ वाले प्लेटफार्म पर साढ़ दौड़ रहा है, इससे कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यात्रियों के जान की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली जीआरपी और आरपीएफ कहाँ है? और आवारा पशुओं को पकड़ने वाला नगर परिषद कहां है? आखिर रक्सौल रेलवे स्टेशन पर किसी बड़े हादसे का इंतजार क्यों किया जा रहा है? यह बड़ा सवाल रेलवे के अधिकारियों से लोग कर रहे हैं।