Bihar News: शराब माफिया से दोस्ती पड़ी भारी, थानेदार समेत चार पुलिसकर्मी सस्पेंड

Bihar News: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में अवैध शराब के धंधे में लिप्त पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है. जानें... पूरी खबर.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 22 May 2025 07:06:30 PM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में अवैध शराब के धंधे में लिप्त पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। जिले में अवैध शराब कारोबार को संरक्षण देने, कार्रवाई में शिथिलता बरतने और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोपों में दो थानाध्यक्षों, एक दारोगा और एक चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इन सभी पर विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।


पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात को लगातार आम नागरिकों से शिकायतें मिल रही थीं कि जिले में पुलिस और शराब माफियाओं के बीच गठजोड़ बना हुआ है। इन शिकायतों की गंभीरता से जांच कराई गई और सत्यता पाए जाने पर त्वरित कार्रवाई की गई। एसपी ने बताया कि पीपराकोठी थाना के थानाध्यक्ष पुलिस निरीक्षक खालिद अख्तर को इसलिए निलंबित किया गया है क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग पर गैस और तेल कटिंग गिरोह के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। साथ ही, उन पर पीपराकोठी क्षेत्र के कुख्यात मादक पदार्थ तस्कर रोजा मियां को संरक्षण देने का आरोप भी है। इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट चंपारण प्रक्षेत्र के डीआईजी हरकिशोर राय को भेजी गई थी, जिनकी अनुमति के बाद खालिद अख्तर के निलंबन का निर्णय लिया गया।


इसी तरह, बीजधरी ओपी के थानाध्यक्ष राजीव कुमार और चौकीदार रंजन कुमार को भी अवैध शराब माफियाओं से सांठगांठ और निर्दोष लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज करने के आरोप में निलंबित किया गया है। चौकीदार रंजन पर पहले भी इसी प्रकार के मामलों में कार्रवाई हो चुकी है। इन शिकायतों की जांच पकड़ीदयाल के अपर पुलिस अधीक्षक मोहिबुल अंसारी द्वारा की गई, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर दोनों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की गई।


इसके अलावा, मधुबन प्रखंड की गड़हिया ओपी में पदस्थापित दारोगा मुन्ना सिंह को रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित किया गया है। उन्होंने कथित रूप से एक केस में राहत देने के एवज में प्रवेज आलम नामक व्यक्ति से ₹5000 की मांग की थी। प्रवेज ने इसका ऑडियो साक्ष्य पुलिस अधीक्षक को सौंपा था। जांच में यह आरोप सत्य पाया गया।


एसपी स्वर्ण प्रभात ने स्पष्ट कहा है कि नशे के कारोबार और उससे जुड़े भ्रष्टाचार पर "जीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाई जा रही है। पुलिस विभाग को जवाबदेह और पारदर्शी बनाना उनकी प्राथमिकता है। ऐसे मामलों में आगे भी जांच जारी रहेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।