ब्रेकिंग न्यूज़

ISM पटना में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 'सस्टेनोवेट 2025' का भव्य शुभारंभ, देश-विदेश से जुटे शोधकर्ता दृष्टिपुंज आई हॉस्पिटल में कंटूरा विज़न लेसिक की बड़ी उपलब्धि: 300 सफल ऑपरेशन पूरे Bihar Crime News: अदालत में सबूत पेश नहीं कर सकी बिहार पुलिस, कोर्ट ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी कर दिया अरेस्ट वारंट Bihar Crime News: अदालत में सबूत पेश नहीं कर सकी बिहार पुलिस, कोर्ट ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी कर दिया अरेस्ट वारंट अरवल में करंट लगने से युवक की मौत, जर्जर तार बना हादसे की वजह, बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप Bihar Politics: बाल-बाल बचे सांसद पप्पू यादव, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के दौरान हुआ हादसा Bihar Politics: ‘लालू परिवार बिहार की बर्बादी का जिम्मेदार’ युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar Politics: ‘लालू परिवार बिहार की बर्बादी का जिम्मेदार’ युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar News: बिहार में यहां एक ही घर से निकले 60 किंग कोबरा, परिवार ने त्यागा मकान; गाँव वालों ने बदला रास्ता BIHAR NEWS:चोरी के शक में युवक की बेरहमी से पिटाई, भीड़ ने चप्पल पर चटवाया थूक

Bihar Diwas 2025 : क्यों मनाया जाता है बिहार दिवस ...जानिए अपने राज्य का गौरवशाली इतिहास

Bihar Diwas 2025 :बिहार दिवस 2025 इस बार 113वें स्थापना वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। यह दिवस बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, गौरवशाली इतिहास और विकास यात्रा को दर्शाने का अवसर है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 20 Mar 2025 02:05:49 PM IST

bihar diwas ,बिहार दिवस ,गाँधी मैदान ,history of bihar,nalanda university,history of bihar

प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Bihar Diwas 2025 : बिहार को 22 मार्च 1912 को एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिला, जब यह बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग होकर एक नया राज्य बना। उस समय, बिहार की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित थी, और शिक्षा, स्वास्थ्य और औद्योगिक विकास पर बहुत कम ध्यान दिया जाता था। हालाँकि अब सुधार हुए हैं, लेकिन जितनी प्रगति होनी चाहिए थी, उतनी नहीं हुई है। फिर भी, सरकार विभिन्न क्षेत्रों में योजनाएँ लागू कर रही है ताकि राज्य का सर्वांगीण विकास हो सके।   

बिहार की सांस्कृतिक विरासत        

बिहार प्राचीन काल से ही भारतीय सभ्यता, शिक्षा और राजनीति का केंद्र रहा है। नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों ने पूरी दुनिया को ज्ञान का मार्गदर्शन दिया। यहाँ चाणक्य जैसे महान विद्वानों ने जन्म लिया, जिन्होंने राजनीति और अर्थशास्त्र की नींव रखी।आधुनिक बिहार भी अपनी समृद्ध राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान को संजोए हुए है। मिथिला पेंटिंग, लोकगीत, नृत्य और पारंपरिक कलाएँ इसकी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं। बिहार न केवल अपने इतिहास के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह आधुनिक भारत के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। राज्य की समृद्ध विरासत, विकास और उन्नति का उत्सव है, जो हर बिहारवासी के लिए गौरव का प्रतीक है।