1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 09 Dec 2025 07:58:24 AM IST
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Bihar Teacher Vacancy : बिहार में विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली एक बार फिर खटाई में पड़ती दिख रही है। शिक्षा विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य के 38 जिलों में से अब तक सिर्फ 15 जिलों ने ही कक्षा 1 से 12 तक के शिक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी विभाग को भेजी है। यही वजह है कि विद्यालय अध्यापक नियुक्ति परीक्षा (टीआरई 4) की तारीख तय नहीं हो पा रही है। सरकार ने दिसंबर में परीक्षा कराने का दावा किया था, लेकिन साल समाप्त होने को है और रिक्ति का पूरा ब्योरा अभी तक शिक्षा विभाग के पास उपलब्ध नहीं है।
23 जिलों से नहीं मिली जानकारी
रोहतास, भोजपुर, औरंगाबाद, पश्चिम चंपारण, शिवहर, पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बांका, गया सहित कुल 15 जिलों ने रिक्ति भेजी है। जबकि 23 जिलों से शिक्षकों के खाली पदों का विवरण अब भी लंबित है। शिक्षा विभाग ने सभी डीईओ और डीपीओ को बार-बार पत्र लिखकर और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तुरंत रिक्ति भेजने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद कई जिलों से अपेक्षित डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया है।शिक्षा विभाग तभी बीपीएससी को रिक्ति भेजेगा, जब सभी जिलों से पदों की संख्या मिलेगी और रोस्टर क्लियरेंस पूरा हो जाएगा। इसी आधार पर टीआरई 4 के लिए विस्तृत अधिसूचना जारी की जानी है।
शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ी
पिछले दिनों शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेन्दर ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगाई थी। इसके पहले, सितंबर में तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने प्रेस वार्ता कर कहा था कि सितंबर अंत तक रिक्ति बीपीएससी को भेज दी जाएगी। विभाग ने उस समय टीआरई 4 में संभावित 26 हजार पद बताए थे। साथ ही यह घोषणा भी की गई थी कि टीआरई 4 परीक्षा दिसंबर तक आयोजित हो जाएगी और इसके बाद टीआरई 5 वर्ष 2026 में होगा।
लेकिन वर्तमान स्थिति देखकर साफ है कि टीआरई 4 की परीक्षा में देरी तय है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, विभिन्न जिलों से कक्षा 1 से 12 तक मिलाकर लगभग एक लाख शिक्षकों के रिक्त पद आने की संभावना है। नियुक्ति प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी।
एसटीईटी परीक्षा भी अधूरी
इसके पहले शिक्षा विभाग ने संकेत दिया था कि सभी विषयों की एसटीईटी (माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा) कराकर 16 नवंबर को रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा। लेकिन वास्तविकता यह है कि कई विषयों की एसटीईटी परीक्षा अभी भी आयोजित हो रही है। ऐसे में एसटीईटी रिजल्ट और उसके आधार पर होने वाली टीआरई प्रक्रिया भी समय पर होना कठिन दिखता है।
बीते वर्षों में बड़े पैमाने पर बहाली
पिछले दो वर्षों में बीपीएससी की अनुशंसा पर राज्य में तीन चरणों में कुल 2,68,548 शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है। पहले चरण में: 1,02,871 और दूसरे चरण में: 69,500 इसके बाद शेष नियुक्तियां तीसरे चरण में पूरी की गईं। इन बड़ी भर्तियों के बाद भी राज्य के स्कूलों में अब भी भारी संख्या में पद खाली हैं, जिनकी ताजा गणना में ही देरी हो रही है।
टीआरई 4: डोमिसाइल लागू, बिहार के उम्मीदवारों को बड़ा फायदा
टीआरई 4 की सबसे बड़ी विशेषता यह रहेगी कि पहली बार डोमिसाइल नीति लागू की जा रही है। इसके तहत—85% सीटें बिहार के युवाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। सिर्फ 15% सीटों पर दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी और वे बिहार निवासी आवेदन कर सकेंगे जिनकी मैट्रिक या इंटर की डिग्री दूसरे राज्यों से है। इस व्यवस्था से बिहार के अभ्यर्थियों को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है। विभाग के अनुसार, पिछले तीन चरणों में उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई थी, जिससे स्थानीय अभ्यर्थियों में नाराज़गी थी। अब डोमिसाइल लागू होने से यह स्थिति काफी हद तक बदल जाएगी।
महिला अभ्यर्थियों के लिए विशेष आरक्षण
कक्षा 5 तक के लिए शिक्षक नियुक्ति में 50% आरक्षण और अन्य श्रेणियों में 35% आरक्षण सिर्फ बिहार की महिला अभ्यर्थियों को ही मिलेगा। पहले यह लाभ अन्य राज्यों की महिला अभ्यर्थियों को भी मिलता था, जिससे बिहार की महिला उम्मीदवारों की संख्या कम रह जाती थी।
कब होगी टीआरई 4?
फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यही है कि टीआरई 4 की परीक्षा कब होगी? अब इसको लेकर शिक्षा विभाग का कहना है कि—सभी जिलों से रिक्ति मिलते ही और रोस्टर क्लियरेंस पूरा होते ही बीपीएससी को अंतिम रिक्ति भेज दी जाएगी, जिसके बाद परीक्षा तिथि तय होगी। बहरहाल, जिस गति से डेटा मिल रहा है, उसे देखकर दिसंबर में परीक्षा होना लगभग असंभव माना जा रहा है।