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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 03 Dec 2025 02:56:24 PM IST
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सुपौल जिले में अगले ही 24 घंटे के भीतर दो भीषण अगलगी की घटनाओं ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के मुरली गांव में लगी आग ने जहां दो मासूम बच्चों की जान ले ली, वहीं पांच परिवारों का आशियाना स्वाहा हो गया। इस दर्दनाक हादसे में लगभग डेढ़ दर्जन मवेशियों की जलकर मौत हो गई, जबकि घरों में रखे लाखों के सामान चंद मिनटों में राख में तब्दील हो गए। जिले में इस घटना को लेकर मातम का माहौल है और पीड़ित परिवारों के घरों में चारों ओर चीख-पुकार मची हुई है।
सूत्र बताते हैं कि मुरली गांव में अचानक आग भड़कने के बाद कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। ग्रामीणों ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला। इस दौरान दो छोटे बच्चे घर के अंदर ही फंस गए और जिंदा जल गए। आग की लपटों और चीख-पुकार के बीच परिवार और ग्रामीण उन्हें बचाने का प्रयास करते रहे, लेकिन तेज लपटों के आगे सब बेबस हो गए।
आग से पांच परिवारों के घर पूरी तरह जलकर नष्ट हो गए। पीड़ित परिवारों ने बताया कि घर में रखे अनाज, कपड़े, फर्नीचर और जरूरी दस्तावेज तक सब कुछ राख हो गया। आसपास के ग्रामीणों और स्थानीय पुलिस ने मिलकर काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, तब तक नुकसान भारी हो चुका था। करीब डेढ़ दर्जन मवेशियों की झुलसकर मौत होने से पीड़ित परिवारों पर दोहरी मार पड़ी है।
दूसरी भीषण घटना निर्मली नगर पंचायत के सिपाही चौक के पास सोमवार देर रात हुई। इस इलाके के निवासी सुरेंद्र यादव के घर में अचानक आग लग गई। लोग घटनास्थल पर पहुंचे तो देखा कि घर की छप्पर और लकड़ी के हिस्से पूरी तरह जलने लगे थे। आग इतनी तेजी से फैली कि बगल में स्थित गुलाई यादव का घर भी उसकी चपेट में आ गया।
लोगों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी, लेकिन दमकल की गाड़ी के पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों ने अपने स्तर पर काफी प्रयास कर आग पर नियंत्रण पाने की कोशिश की। लगभग एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझाई जा सकी, लेकिन तब तक दोनों परिवारों के दो घर सहित सारा सामान जल चुका था। इस घटना में किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है, लेकिन आर्थिक नुकसान लाखों रुपये में बताया जा रहा है।
इसी तरह समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर थाना क्षेत्र स्थित मोहनपुर पंचायत के वार्ड संख्या 3 में देर रात आग लगने से एक और घर पूरी तरह जल गया। पीड़ित प्रमोद ठाकुर ने बताया कि वे गांव के एक वैवाहिक समारोह में शामिल होने गए थे। इसी दौरान उन्हें घर में आग लगने की सूचना मिली। घर पर मौजूद परिवार के सदस्य सो रहे थे, लेकिन समय रहते उन्हें बाहर निकाल लिया गया। इस हादसे में दो बकरियां झुलस गईं और घर में रखा पूरा सामान नष्ट हो गया। ग्रामीणों की मदद से आग को नियंत्रित किया गया, हालांकि आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है।
लगातार हो रही आग की घटनाओं से ग्रामीणों में भय का माहौल है। लोगों का कहना है कि इस तरह की भीषण घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को सतर्कता बढ़ानी चाहिए। पीड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन से तत्काल मुआवजा और राहत उपलब्ध कराने की मांग की है। स्थानीय अधिकारियों ने घटनास्थलों का दौरा कर नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि पीड़ित परिवारों को आपदा राहत कोष से सहायता दी जाएगी। सुपौल और समस्तीपुर में हुई इन घटनाओं ने कई परिवारों का आशियाना छीन लिया है। सर्द मौसम में बेघर हुए ये परिवार अब खुले आसमान के नीचे रात काटने को मजबूर हैं। ग्रामीणों और प्रशासन की संयुक्त कोशिश ही इन परिवारों को जल्द राहत प्रदान कर सकती है।