1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Thu, 11 Dec 2025 11:28:52 AM IST
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Bihar News: बिहार प्रशासनिक सेवा की अधिकारी श्वेता मिश्रा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में दर्ज केस को पटना उच्च न्यायालय द्वारा रद्द किए जाने के बाद, विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) अब इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है। एसवीयू का कहना है कि उनके पास मौजूद दस्तावेज़ और जांच रिपोर्ट स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि अधिकारी द्वारा अर्जित संपत्ति उनकी ज्ञात आय से काफी अधिक है, इसलिए FIR का निरस्त होना जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।
एसवीयू सूत्रों के अनुसार, 2011 बैच की इस अधिकारी पर आय से दो से तीन गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप हैं। जांच के दौरान इकाई को उनके पास 80 लाख 11 हजार 659 रुपये की संदिग्ध/अवैध संपत्ति होने के संकेत मिले थे। इन्हीं आरोपों के आधार पर, कटिहार के मनिहारी में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के रूप में उनकी तैनाती के दौरान एसवीयू ने प्राथमिकी दर्ज की थी।
FIR दर्ज होने के बाद, 5 जून को एसवीयू ने बड़ी कार्रवाई करते हुए श्वेता मिश्रा के कटिहार, पटना और प्रयागराज स्थित चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस दौरान कई दस्तावेज, संपत्ति से जुड़े कागजात और महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलने का दावा किया गया था। छापेमारी के बाद मामला और गंभीर हो गया था, लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा FIR रद्द किए जाने से एसवीयू की कार्रवाई पर रोक लग गई।
अब एसवीयू सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर इस आदेश को चुनौती देगा। प्रशासनिक हलकों में यह मामला विशेष चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि बिहार में भ्रष्टाचार निरोधक अभियान के तहत हाल के वर्षों में कई बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। श्वेता मिश्रा का मामला भी इन्हीं में से एक अहम केस माना जा रहा है, और सुप्रीम कोर्ट के आगामी रुख पर राज्य की निगाहें टिकी हैं।