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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 10 Jul 2025 12:55:41 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Sawan 2025: बिहार में श्रावणी मेले की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में हैं। 11 जुलाई से शुरू होने वाले इस पवित्र मेले में लाखों कांवड़ियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बिहार सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। मेले की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए दो वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही, कांवड़िया पथ पर खाद्य सामग्री की गुणवत्ता जांचने के लिए विशेष टीमें भी तैनात की गई हैं।
बिहार सरकार ने श्रावणी मेले के दौरान विधि-व्यवस्था और कांवड़ियों की सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए भागलपुर और बांका जिलों में बिहार प्रशासनिक सेवा के दो वरिष्ठ उप समाहर्ताओं की नियुक्ति की है। मधेपुरा के वरिष्ठ उप समाहर्ता मोहम्मद फैजान सरवर को भागलपुर जिले की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि नवादा के वरिष्ठ उप समाहर्ता मनोज चौधरी को बांका जिले का प्रभारी बनाया गया है। ये अधिकारी 11 जुलाई से 25 जुलाई और 26 जुलाई से 9 अगस्त तक अपनी सेवाएं देंगे। इनका मुख्य कार्य मेले के दौरान कांवड़ियों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना और व्यवस्था की निगरानी करना होगा।
श्रावणी मेले के दौरान कांवड़िया पथ पर खाद्य सामग्री की दुकानों की संख्या में काफी वृद्धि होती है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बांका के सिविल सर्जन के अनुरोध पर खाद्य सामग्री की जांच के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए पांच खाद्य सुरक्षा पदाधिकारियों की एक टीम गठित की गई है, जो कांवड़िया पथ पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और स्वच्छता की जांच करेगी।
ज्ञात हो कि सावन मास का पवित्र मेला 11 जुलाई को भव्य उद्घाटन के साथ शुरू होगा। इस दौरान बिहार के मुंगेर, सुल्तानगंज और बांका जिलों के साथ-साथ झारखंड के देवघर और बासुकिनाथ धाम में शिव भक्ति का अद्भुत माहौल देखने को मिलेगा। सुल्तानगंज में गंगा नदी से जल लेकर कांवड़िए 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचेंगे। इस साल पहली सावन सोमवारी 13 जुलाई को है, जिसके चलते शुक्रवार से ही सुल्तानगंज में कांवड़िया की भीड़ जुटने की संभावना है।
बिहार सरकार ने कांवड़ियों की सुविधा और सुरक्षा को इस बार भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सुल्तानगंज में नमामि गंगे घाट, बैरिकेडिंग, साफ-सफाई, मंच निर्माण और जर्मन हैंगर जैसे कार्यों का निरीक्षण जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी द्वारा किया गया है। इसके अलावा रेलवे ने भी मेले के दौरान ट्रेनों के अस्थायी ठहराव की व्यवस्था की है, ताकि कांवड़ियों को आवागमन में आसानी हो।