बिहार में अजब प्रेम की गजब कहानी: युवक-युवती ने घर से भागकर रचाई शादी, सोशल मीडिया पर शेयर किया वीडियो बिहार में अजब प्रेम की गजब कहानी: युवक-युवती ने घर से भागकर रचाई शादी, सोशल मीडिया पर शेयर किया वीडियो Saharsa news : रेलवे स्टेशन पर पुलिस जवान की रहस्यमयी मौत, परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए Bihar News: बिहार में बड़ी लापरवाही उजागर, रखे- रखे बर्बाद हो गईं करोड़ों की जीवन रक्षक दवाएं; राज्य स्वास्थ्य समिति ने जारी किया अल्टीमेटम बिहार का वर्ल्ड क्लास हेल्थ सिस्टम देखिए: लाख मिन्नतों के बावजूद नहीं मिला एम्बुलेंस, शव को कंधे पर उठाकर अस्पताल ले गए परिजन Bihar Assembly Winter Session : IAS संतोष वर्मा पर FIR की मांग: विधानसभा में चिराग के नेता बोले— मिले ऐसी सजा कि आगे कोई ऐसा करने की हिम्मत न करे Bihar News: बिहार में सड़क हादसे में युवक की मौत, आक्रोशित लोगों ने NH को घंटों किया जाम Bihar News: बिहार में सड़क हादसे में युवक की मौत, आक्रोशित लोगों ने NH को घंटों किया जाम Home Minister : बिहार में भ्रष्टाचार पर सख्ती: गृह मंत्री सम्राट चौधरी का साफ संदेश, किसी भी व्यक्ति से अवैध रूप से पैसा लेने पर होगी सख्त कार्रवाई,सीधे चली जाएगी नौकरी Bihar Assembly : अरे बैठिए न ...', संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष के आरोप पर कहा - चुनाव के बीच महिलायों इस वजह से दिए गए पैसे, क्योंकि...
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 04 Dec 2025 01:43:22 PM IST
- फ़ोटो
Bihar Assembly Winter Session : अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अजाक्स) के अध्यक्ष और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा कथित आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। आमतौर पर एक-दूसरे के विरोधी नजर आने वाले भाजपा और कांग्रेस के विधायक इस मुद्दे पर एकजुट दिख रहे हैं। इसके साथ ही विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने भी इस प्रकरण पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब यह मामला बिहार विधानसभा के भीतर भी जोर-शोर से उठाया जा रहा है।
शीतकालीन सत्र के दौरान लोजपा (रामविलास) के विधायक और विधानमंडल दल के नेता राजू तिवारी ने सदन के भीतर इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाते हुए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी द्वारा किसी भी समुदाय की बेटी के बारे में अभद्र टिप्पणी करना न केवल सामाजिक रूप से अनुचित है बल्कि उनके पद की गरिमा के भी खिलाफ है। उन्होंने स्पीकर के माध्यम से सरकार से आग्रह किया कि इस मामले में कठोरतम दंड दिया जाए ताकि भविष्य में कोई भी पदाधिकारी इस तरह का व्यवहार करने से पहले सौ बार सोचें।
राजू तिवारी ने सदन में कहा— “मैं ब्राह्मण समाज से आता हूँ, लेकिन यह मुद्दा सिर्फ मेरे समाज का नहीं, बल्कि पूरे समाज का है। सदन में सभी माननीय सदस्य मौजूद हैं। मैं स्पीकर महोदय से कहना चाहता हूँ कि एक सीनियर IAS अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा किसी बेटी के बारे में जो गंदी और अनुचित बात कही गई है, वह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। किसी भी बेटी या बहन के बारे में अशोभनीय टिप्पणी करने का अधिकार किसी को नहीं है। यह देश संविधान से चलता है और संविधान ने हर महिला को सम्मान का अधिकार दिया है।”
उन्होंने आगे कहा— “मैं इस सदन से आग्रह करता हूँ कि ऐसे IAS अधिकारी पर तुरंत एक्शन हो और उन्हें कठोर सजा मिले, ताकि यह संदेश जाए कि किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति को कानून से ऊपर होने का भ्रम नहीं होना चाहिए।”
राजू तिवारी के इस बयान के बाद सदन में मौजूद कई विधायकों ने उनका समर्थन किया। भाजपा और कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने भी संतोष वर्मा के बयान की निंदा करते हुए कहा कि अधिकारी वर्ग को अपनी जिम्मेदारी और भाषा की मर्यादा का पालन करना चाहिए। यह पहली बार है जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच किसी मुद्दे पर ऐसी एकजुटता देखने को मिली है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिस तरह से मामला सामाजिक संवेदनशीलता से जुड़ा है, उस कारण से सभी दलों पर प्रतिक्रिया देने का दबाव है।
कर्मचारी संगठनों ने भी इस मामले को गंभीर बताया है। कई संगठन पहले ही सरकार को ज्ञापन देकर संतोष वर्मा को पद से हटाने और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने की मांग कर चुके हैं। उनका कहना है कि किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा इस तरह की टिप्पणी समाज में गलत संदेश देती है और इससे सरकार की छवि पर भी सवाल उठता है।
इधर, सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक मामला बेहद संवेदनशील होने के कारण शीर्ष स्तर पर विचार-विमर्श शुरू हो चुका है। यह भी बताया जा रहा है कि सरकार इस मामले की जांच कराने या उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के विकल्पों पर विचार कर रही है।
उधर,फिलहाल सभी की निगाहें सरकार की ओर हैं कि वह इस गंभीर मुद्दे पर कब और किस प्रकार की कार्रवाई करती है। क्योंकि यह केवल एक टिप्पणी का मामला नहीं है, बल्कि महिला सम्मान, सामाजिक मर्यादा और प्रशासनिक आचरण से जुड़ा एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।