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जनसुराज पार्टी में शामिल होंगे RCP सिंह: राजनीति से आउट हो चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री कल थामेंगे प्रशांत किशोर का दामन

पूर्व केंद्रीय मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी रहे आरसीपी सिंह 18 मई को प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी में शामिल होंगे. राजनीति में किनारे पर पड़े आरसीपी सिंह चौथी बार पार्टी बदलने जा रहे हैं.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 17 May 2025 06:57:04 PM IST

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चौथी बार बदलेंगे पार्टी - फ़ोटो google

PATNA: राजनीति में पूरी तरह किनारे हो चुके पूर्व केंद्रीय आरसीपी सिंह को अब प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी से उम्मीद दिखी है. आरसीपी सिंह रविवार को प्रशांत किशोर की पार्टी में शामिल होंगे. पिछले दो सालों में आरसीपी सिंह की ये चौथी पार्टी होगी. वैसे, फिलहाल में आशा पार्टी चला रहे थे.


जनसुराज में शामिल होंगे RCP

प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज की ओर से मीडिया को जानकारी दी गयी है कि NDA से जुड़े रहे एक बड़े नेता और उनकी पार्टी प्रशांत किशोर के साथ आ रही है. 18 मई की सुबह 10 बजे उनका मिलन समारोह होगा. हालांकि जनसुराज पार्टी की ओर से ये बताया नहीं गया है कि किस नेता या पार्टी का मिलन हो रहा है. लेकिन बाद में जानकारी मिली कि आरसीपी सिंह प्रशांत किशोर का दामन थामने जा रहे हैं.


आसा बनाकर निराशा में थे आरसीपी सिंह

राजनीति में पूरी तरह अलग थलग पड़े आरसीपी सिंह फिलहाल आपकी अपनी पार्टी(आसा) चला रहे थे. 31 अक्टूबर 2024 को उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना कर राजनीति करने का ऐलान किया था. लेकिन बिहार के राजनीतिक परिदृश्य से वे एक तरह से गायब हो गये थे. उनकी कहीं चर्चा तक नहीं हो रही थी.


आरसीपी सिंह की कहानी

कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद माने जाने वाले आरसीपी सिंह पिछले साल में चौथी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं. आरसीपी सिंह ने 2010 में आईएएस की नौकरी से वीआरएस लेकर राजनीति में कदम रखा था. उससे पहले वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव हुआ करते थे. नौकरी से इस्तीफा देने के बाद उन्हें जेडीयू ने राज्यसभा भेजा. 2016 में उन्हें फिर से जेडीयू की ओर से राज्यसभा भेजा गया.


राजनीति में आने के बाद वे नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सर्वेसर्वा बनकर काम करते रहे. उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय संगठन महामंत्री नियुक्त किया गया था. 2020 में नीतीश कुमार ने एक व्यक्ति एक पद का नियम बनाकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था. इसके बाद आरसीपी सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. 


मंत्री बनने के बाद शुरू हुआ बखेड़ा

2021 में नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट का विस्तार किया गया था. इसमें आरसीपी सिंह को जेडीयू कोटे से मंत्री बनाया गया. जेडीयू के ललन सिंह समेत कुछ दूसरे नेताओं ने आरोप लगाया कि आरसीपी सिंह बीजेपी से सेटिंग कर खुद मंत्री बन गये. उन्होंने नीतीश कुमार की मर्जी के बगैर मंत्री की कुर्सी लपक ली. इस प्रकरण के बाद पार्टी में आरसीपी सिंह के पर कतरे जाने लगे.


दो साल में चौथी बार पार्टी बदलेंगे आरसीपी सिंह

18 मई को जनसुराज पार्टी में शामिल होने जा रहे आरसीपी सिंह करीब दो साल में चौथी बार पार्टी बदलने जा रहे हैं. दरअसल, 2021 में जब वे केंद्र में मंत्री बने तो राजनीति में उनका दुर्दिन शुरू हो गया. 2022 में उनका राज्यसभा सांसद का टर्म समाप्त हो रहा था. जेडीयू ने उन्हें फिर से राज्यसभा नहीं भेजा. नतीजतन, आरसीपी सिंह को केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा.


मंत्री की कुर्सी जाने के बाद भी वे जेडीयू में बने रहे लेकिन पार्टी के तत्कालीन  राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह उन्हें निशाने पर ले चुके थे. लिहाजा आरसीपी सिंह जेडीयू में पूरी तरह किनारे कर दिये गये. इसके बाद आरसीपी सिंह ने दूसरा रास्ता तलाशना शुरू कर दिया था. 


2023 में हुए बीजेपी में शामिल

उसी दौरान अगस्त 2022 में नीतीश कुमार बीजेपी से पल्ला झाड़कर राजद, कांग्रेस के साथ चले गये. उसके बाद आरसीपी सिंह ने मई 2023 को बीजेपी में शामिल हो गये. उन्हें उम्मीद थी कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उन्हें टिकट देगी. लेकिन नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव से पहले फिर से पाला बदल लिया और बीजेपी के साथ आ गये. इससे आरसीपी सिंह की पूरी राजनीति ही चौपट हो गयी.


नीतीश कुमार को अपने साथ लाने के बाद बीजेपी आरसीपी सिंह को भूल ही गयी. ऐसे में आरसीपी सिंह ने 31 अक्टूबर 2024 को अपनी अलग पार्टी आसा बनाने का ऐलान किया. लेकिन आसा से भी उन्हें घोर निराशा ही हुई. आरसीपी सिंह की पार्टी का कोई असर देखने को नहीं मिला.


अब प्रशांत किशोर का दामन थामेंगे

लिहाजा आरसीपी सिंह अब प्रशांत किशोर का दामन थामने जा रहे हैं. 18 मई को वे अपनी पार्टी का विलय जनसुराज में करने का ऐलान करने जा रहे हैं. सवाल ये है कि क्या प्रशांत किशोर आरसीपी सिंह की निराशा दूर कर पायेंगे. इस सवाल के जवाब के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा.