जारी निर्देश के अनुसार, जिले के सभी स्कूल अब सुबह 8:30 बजे से पहले नहीं खुलेंगे। साथ ही यह भी तय किया गया है कि शाम 4 बजे तक ही कक्षाएं संचालित की जाएंगी। डीएम ने कहा कि ठंड बढ़ने के साथ ही सुबह और शाम के समय तापमान में काफी गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह एहतियाती कदम उठाना आवश्यक हो गया था।
प्रशासन की ओर से जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि पिछले कुछ दिनों से पटना समेत दक्षिण बिहार के कई जिलों में सुबह के समय घना कोहरा और धुंध छाई रहने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। इस कोहरे और ठंडी हवाओं का सबसे अधिक प्रभाव छोटे बच्चों पर पड़ता है। कम तापमान में सुबह-सुबह स्कूल पहुंचने के दौरान उन्हें सर्दी, खांसी और अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए उनकी सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल समय में बदलाव किया गया है।
पटना डीएम का यह आदेश गुरुवार, 11 दिसंबर से प्रभावी होगा और 18 दिसंबर तक लागू रहेगा। इसके बाद मौसम की स्थिति के आधार पर आदेश को आगे बढ़ाने या समाप्त करने पर विचार किया जाएगा। प्रशासन ने सभी स्कूल संचालकों को निर्देशित किया है कि वे आदेश का कड़ाई से पालन करें और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
इधर, मौसम विभाग ने भी चेतावनी दी है कि इस सप्ताह पटना और आसपास के इलाकों में सुबह के समय कोहरा छाया रहने की संभावना है। हालांकि, दोपहर होते-होते धूप निकलने के आसार हैं, जिससे हल्की राहत मिलेगी। विभाग के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक राज्य का मौसम शुष्क रहने वाला है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी अगले तीन से चार दिनों तक किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। इसका मतलब है कि फिलहाल ठंड का असर धीरे-धीरे ही बढ़ेगा, लेकिन सुबह-शाम की ठिठुरन जारी रहेगी।
बिहार में हर वर्ष दिसंबर के शुरुआती दिनों में ठंड अपना असर दिखाने लगती है। लेकिन इस बार मौसम में थोड़ी देरी से बदलाव आया है। इसके बावजूद, प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर आवश्यक निर्णय ले रहा है।
डीएम के इस आदेश के बाद अभिभावकों ने भी राहत महसूस की है। उनका कहना है कि सुबह के समय ठंड काफी अधिक होती है, ऐसे में देर से स्कूल खुलने से बच्चों को फायदा होगा और वे बीमार होने से बचेंगे। पटना में बढ़ती ठंड के बीच यह फैसला बच्चों के हित में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।