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Bihar Land Survey: सरकार ने तय की सभी CO की जवाबदेही, 12 दिनों में दाखिल खारिज नहीं करने पर नपेंगे

Bihar Land Survey: खबर बिहार की राजधानी पटना से है, जहां 75 दिनों से अधिक समय से दाखिल खारिज के करीब 1700 मामले लंबित हैं, जिनका निबटारा अब भी नहीं हो पाया है. जानें... पूरी खबर.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 19 May 2025 12:55:23 PM IST

Bihar Land Survey

बिहार जमीन सर्वे - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Land Survey: खबर बिहार की राजधानी पटना से है, जहां 75 दिनों से अधिक समय से दाखिल खारिज के करीब 1700 मामले लंबित हैं, जिनका निबटारा अब भी नहीं हो पाया है। इनमें से अधिकांश मामले पटना जिले के संपतचक, बिहटा, दीदारगंज, धनरूआ और नौबतपुर अंचल में लंबित हैं। राजस्व मामलों की समीक्षा के दौरान इन अंचल के सीओ (प्रखंड अधिकारी) को इस माह के भीतर इन मामलों का निबटारा करने के लिए चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद अगर मामले का निबटारा नहीं होता है, तो प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।


संपतचक अंचल में 636, बिहटा में 499, दीदारगंज में 156, धनरूआ में 105 और नौबतपुर में 82 दाखिल खारिज के मामले लंबित हैं। जबकि अन्य अंचलों में मामलों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। इसके अलावा, पटना जिले में कुल 14,000 से अधिक दाखिल खारिज मामले लंबित हैं, जिससे लोगों को लगातार अंचल कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ रहा है।


दाखिल खारिज के मामलों का निबटारा न होने से आम जनता परेशान है। जबकि कानून के अनुसार दाखिल खारिज के मामलों का निबटारा 35 दिनों में होना चाहिए। यदि कोई आपत्ति आती है, तो दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद मामले का निबटारा 75 दिनों में किया जाना चाहिए। बावजूद इसके, मामलों का निबटारा लगातार देरी का शिकार हो रहा है, जिससे लोग प्रशासन से असंतुष्ट हैं।


पटना के जिला अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने दाखिल खारिज सहित अन्य संबंधित मामलों जैसे परिमार्जन प्लस, जमीन की मापी, अतिक्रमण से जुड़े मामलों के निबटारे में तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि इन मामलों का जल्द निबटारा किया जाए ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही उन्होंने बेवजह के आवेदन रद्द करने में सावधानी बरतने को भी कहा है ताकि अनावश्यक परेशानियों से लोगों को बचाया जा सके।


डीएम ने डिजिटलीकरण के काम में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जमाबंदी की डिजिटाइजेशन प्रक्रिया में सुधार किया जाए, और जो मामले ऑनलाइन अनुपलब्ध हैं, उनका भी शीघ्र डिजिटाइजेशन किया जाए। इस कदम से भविष्य में लोगों को जमीन से संबंधित मामलों की प्रक्रिया में और भी सहूलियत मिल सकेगी और कार्य में पारदर्शिता आएगी।


राज्य सरकार ने भी अंचल कार्यालयों में कामकाजी दक्षता बढ़ाने और अधिकारियों को अधिक जिम्मेदारी देने की योजना बनाई है। इसके तहत अधिकारियों को त्वरित निबटारा सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, सरकार अंचल कार्यालयों में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी सुधार भी कर रही है, जिससे भविष्य में दाखिल खारिज जैसे मामलों में देरी न हो।