Bihar news : बिहार में दर्दनाक घटना: पिता ने 5 बच्चों के साथ फांसी लगाई, 4 की मौत, 2 बच्चे कैसे बचे?

मुजफ्फरपुर के नवलपुर मिश्रौलिया गांव में पिता ने अपने 3 बेटियों के साथ फांसी लगाई। 2 बेटे बच गए। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Dec 2025 09:49:29 AM IST

Bihar news : बिहार में दर्दनाक घटना: पिता ने 5 बच्चों के साथ फांसी लगाई, 4 की मौत, 2 बच्चे कैसे बचे?

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Bihar news : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र में स्थित रुपनपट्टी मथुरापुर पंचायत के नवलपुर मिश्रौलिया गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक पिता ने अपने पांच बच्चों के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया, जिसमें तीन बेटियों और पिता की मौत हो गई, जबकि दो छोटे बेटे बच गए। घटना ने पूरे गांव को सकते में डाल दिया है और स्थानीय लोगों में कोहराम मचा हुआ है।


घटना के अनुसार, मृतकों की पहचान 40 वर्षीय अमरनाथ राम और उनकी तीन बेटियों 11 वर्षीय राधा कुमारी, 9 वर्षीय राधिका और 7 वर्षीय शिवानी के रूप में हुई है। वहीं अमरनाथ के 6 वर्षीय बेटे शिवम कुमार और 4 वर्षीय बेटे चंदन को किसी तरह जान बचाने में सफलता मिली। दोनों बेटों ने शोर मचाया, जिससे पड़ोसी और ग्रामीण तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और चारों शवों को फंदे से उतारा।


पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद चारों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही सुसाइड के पीछे की वजह तलाशने के लिए पड़ताल शुरू कर दी गई है। मृतक अमरनाथ की पत्नी पहले ही स्वर्गवासी हो चुकी थीं और बच्चों का पालन-पोषण केवल अमरनाथ ही कर रहे थे। पड़ोसियों ने बताया कि अमरनाथ अक्सर दुखी रहते थे और अपनी पत्नी को बहुत याद करते थे।


घटना के बारे में बचा हुआ बेटा शिवम ने पुलिस को बताया कि घटना वाली रात सभी ने आलू और सोयाबीन की सब्जी, चावल और अंडे खाकर रात का भोजन किया था। इसके बाद सभी सो गए और शिवम खुद मूवी देख रहा था। अचानक पिता ने सभी बच्चों को उठाया और उनके गले में साड़ी से फंदा डाल दिया। अमरनाथ ने तीनों बेटियों और दो बेटों को ट्रंक पर चढ़ने को कहा और फिर छलांग लगाने के लिए कहा।


शिवम ने आगे बताया कि उसने छलांग लगाई, लेकिन गला दबने से दर्द हुआ और वह फंदे से खुद को छुड़ा सका। उसने छोटे भाई चंदन का फंदा भी खोल दिया। इस दौरान बेटों ने शोर मचाया और पड़ोसी मौके पर पहुंचे। पड़ोसियों ने बताया कि पिता और बेटियों को फंदे से उतारा गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। शिवम और चंदन को पुलिस ने सुरक्षा में ले लिया है।


घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है। लोग अमरनाथ के मानसिक हालात और अकेलेपन को लेकर चर्चा कर रहे हैं। पड़ोसियों का कहना है कि अमरनाथ अक्सर अकेले रहने और दुःखी दिखने लगे थे। उन्होंने बच्चों की देखभाल के लिए जिम्मेदारी निभाने के बावजूद खुद को मानसिक दबाव में पाया होगा।


पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने के साथ-साथ पड़ोसियों और परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मृतक पिता के मानसिक दबाव और अकेलेपन को ध्यान में रखते हुए जांच जारी है। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों बचे बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाएगा।


यह घटना एक बार फिर समाज में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और अकेलेपन के खतरों को उजागर करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे मामले रोकने के लिए परिवार और समाज को संवेदनशील होना आवश्यक है। साथ ही बच्चों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसे दुखद हादसों से बचा जा सके।


मुजफ्फरपुर जिले में यह घटना स्थानीय प्रशासन और पुलिस के लिए भी चुनौती बनी हुई है। ग्रामीणों की सहायता से बच्चों और परिवार की देखभाल सुनिश्चित करने के साथ-साथ सुसाइड की गहन जांच जारी है। इस दुखद घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है और लोगों के बीच शोक और सहानुभूति की लहर दौड़ गई है।


बहरहाल, अमरनाथ और उनकी बेटियों की मौत ने नवलपुर मिश्रौलिया गांव में गहरा दुख और सदमा पैदा कर दिया है। दोनों बचे बेटे शिवम और चंदन की सुरक्षा और भविष्य की जिम्मेदारी अब प्रशासन और समाज के कंधों पर है। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखाया कि मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक समर्थन की कमी कितनी गंभीर त्रासदी का कारण बन सकती है।