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16-Jan-2025 09:42 PM
PATNA: बिहार राज्य स्तरीय अनुशंसा समिति ने समाज सेवा के क्षेत्र में स्वर्गीय आचार्य किशोर कुणाल जी के विशिष्ट योगदान को मान्यता देते हुए उनका नाम भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले “पद्म विभूषण” पुरस्कार 2025 के लिए अनुशंसित किया है। बिहार के कैबिनेट सचिवालय ने गृह मंत्रालय को अनुशंसा पत्र भेजा है।
समाजसेवी आचार्य स्व. किशोर कुणाल को पद्म विभूषण पुरस्कार 2025 से सम्मानित करने की अनुशंसा की गयी है। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की तरफ से सरकार के अपर सचिव सुमन कुमार ने गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोपालस्वामी पार्थसारथी को पत्र लिखा है। आचार्य किशोर कुणाल को पद्म विभूषण पुरस्कार 2025 से सम्मानित करने के लिए राज्य स्तरीय अनुशंसा समिति द्वारा सर्वसम्मति से समाजसेवी स्व.किशोर कुणाल के नाम की अनुशंसा संबंधित जीवनवृत के साथ संलग्न करके अग्रेतर कार्रवाई के लिए भेजा गया है।
बता दें कि 29 दिसंबर 2024 को हार्ट अटैक आने से आचार्य किशोर कुणाल का निधन हुआ था। उनके निधन पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई नेताओं ने दुख जताया था। वही बिहार के पूर्व सीएम व केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से उन्हें भारत रत्न देने की मांग की थी।
बिहार सरकार ने आचार्य किशोर कुणाल को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान देने की अनुशंसा की है. बिहार सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेज कर आचार्य किशोर कुणाल को सम्मानित करने की मांग की है.
राज्य अनुशंसा समिति का निर्णय
बिहार सरकार के कैबिनेट विभाग की ओर से केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पद्म पुरस्कारों की अनुशंसा के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति ने सर्वसम्मति से आचार्य किशोर कुणाल को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान देने की अनुशंसा की है. उन्हें समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए इस सम्मान से सम्मानित किया जाना चाहिए.
बता दें कि पिछले 29 दिसंबर को पूर्व IPS आचार्य किशोर कुणाल का कार्डियक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया था. आचार्य किशोर कुणाल ने आईपीएस की नौकरी से त्याग-पत्र देकर समाज-सेवा शुरू किया था. आचार्य किशोर कुणाल मूलतःमुजफ्फरपुर के बरूराज के रहने वाले थे. सेवा के दौरान उनकी पहचान एक कड़क आईपीएस अधिकारी के रूप में होती थी. किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी बरुराज गांव में ही हुई थी.
आचार्य कुणाल गुजरात कैडर में 1972 कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी थे. उनकी पहली पोस्टिंग आनंद में पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई. 1978 तक वे अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बन गए. 1983 में अपने मास्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुणाल को पटना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया. 2001 में कुणाल ने स्वेच्छा से भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया.
सेवानिवृत्ति के बाद आचार्य किशोर कुणाल समाजसेवा और धार्मिक कार्यों से जुड़ गए थे. उन्होंने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था. वे महावीर मंदिर ट्रस्ट पटना के सचिव भी थे और उससे पहले महावीर आरोग्य संस्थान के सचिव थे. जिसमें वे गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार से जुड़े थे.
किशोर कुणाल के पटना के महावीर मंदिर के सचिव रहते मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ था. यह 30 अक्टूबर 1983 को शुरू हुआ और इसका उद्घाटन 4 मार्च 1985 को हुआ. महावीर ट्रस्ट ने बाद में महावीर कैंसर संस्थान की स्थापना की. ये समिति कंकरबाग में महावीर आरोग्य संस्थान नामक एक अन्य अस्पताल भी चलाती है और इसके परिसर में महावीर नेत्रालय की स्थापना की गई है, जो आंखों की समस्याओं से पीड़ित लोगों की जरूरतों को पूरा करता है. मंदिर ने पहले ही चार बड़े अस्पताल स्थापित किए हैं और जरूरतमंद लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है