Bihar electric shock accident : गांव में जर्जर बिजली तार से करंट हादसा, तीन युवकों की मौत; ग्रामीणों में आक्रोश

Bihar electric shock accident : गयाजी जिले के खैरा गांव में जर्जर बिजली तार टूटने से करंट हादसा, तीन युवकों की मौत। ग्रामीणों में आक्रोश, बिजली विभाग और प्रशासन से मुआवजे व कार्रवाई की मांग।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 23 Dec 2025 04:10:27 PM IST

Bihar electric shock accident : गांव में जर्जर बिजली तार से करंट हादसा, तीन युवकों की मौत; ग्रामीणों में आक्रोश

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Bihar electric shock accident : गयाजी जिले के खिजरसराय प्रखंड के खैरा गांव में मंगलवार (23 दिसंबर, 2025) को एक बेहद दुखद घटना हुई। करंट की चपेट में आने से गांव के तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही गांव में मातमी सन्नाटा छा गया और पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। खिजरसराय थाना की पुलिस ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है।


हादसे का भयावह मंजर

घटना की जानकारी के अनुसार, खैरा गांव के निवासी गोलू यादव अपने घर के बाहर कुछ काम कर रहे थे। उसी दौरान घर के पास से गुजर रहे 11 केवी के बिजली के जर्जर तार अचानक टूटकर जमीन पर गिर गए। गिरते ही बिजली का करंट जमीन में फैल गया। उस समय जमीन गीली थी, जिससे करंट का प्रवाह और अधिक तेज हो गया। गोलू यादव बिजली की चपेट में आते ही गंभीर रूप से झुलस गए।


गोलू को तड़पता देख उनके चचेरा भाई नीतीश यादव मदद के लिए दौड़े, लेकिन वह भी करंट की चपेट में आ गए। दोनों को झुलसता देख उनका दोस्त राजा यादव भी उनकी जान बचाने के लिए दौड़ा, लेकिन दुर्भाग्यवश वह भी करंट की चपेट में आ गया। कुछ ही मिनटों में तीनों युवकों की मौत हो गई।


ग्रामीणों का आक्रोश और आरोप

घटना के बाद ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि इलाके में लंबे समय से बिजली के तार जर्जर स्थिति में हैं। कई बार इसकी शिकायत करने के बावजूद बिजली विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ग्रामीणों ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।


ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते बिजली विभाग ने तारों की स्थिति ठीक की होती, तो इस दर्दनाक हादसे को टाला जा सकता था। गांव में लोग सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं और प्रशासन से जल्द कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।


परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

घटना के बाद तीनों परिवारों में कोहराम मच गया। परिजन और गांववाले गहरे सदमे में हैं। माताओं-पिताओं का रो-रोकर बुरा हाल है। बच्चों के भौतिक और भावनात्मक नुकसान के साथ ही परिवारों में मानसिक पीड़ा भी बढ़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है।


स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और बिजली विभाग की तरफ से समय पर कोई मदद नहीं मिली। इस हादसे ने क्षेत्र के लोगों में बिजली सुरक्षा को लेकर चेतावनी की घंटी बजा दी है। ग्रामीणों की मांग है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और सभी जर्जर बिजली तारों को बदल दिया जाए।


प्रशासन की कार्रवाई पर नजर

हालांकि अभी तक प्रशासन की ओर से इस घटना को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। लेकिन यह तय है कि इस हादसे ने पूरे इलाके में सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से सामने रखा है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह मृतकों के परिजनों को तुरंत मुआवजा दिलाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करे।


सुरक्षा की अनदेखी और भविष्य की चेतावनी

यह घटना न केवल खैरा गांव के लोगों के लिए बल्कि पूरे इलाके के लिए एक चेतावनी है। बिजली विभाग और प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा सीधे जनता को भुगतना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते पुरानी और जर्जर तारों की मरम्मत की गई होती, तो आज तीन परिवारों का परिवार इस गहरे सदमे में नहीं होता।


इस दर्दनाक घटना ने यह भी साफ कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाना अनिवार्य है। ऐसे हादसे दोबारा न हों, इसके लिए स्थानीय प्रशासन, बिजली विभाग और पंचायतों को मिलकर काम करना होगा।


गयाजी जिले के खैरा गांव की यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि यह प्रशासन और बिजली विभाग के प्रति ग्रामीणों के भरोसे पर भी सवाल खड़ा करती है। तीन निर्दोष युवकों की जान चली जाना एक अपूरणीय क्षति है। अब देखना होगा कि प्रशासन और बिजली विभाग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कितनी गंभीरता से काम करते हैं। इस दुखद घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है और यह चेतावनी भी दी है कि सुरक्षा के नियमों की अनदेखी कितनी जानलेवा साबित हो सकती है।