Indian Railway Lower Berth Quota : लोअर बर्थ की टेंशन खत्म! रेलवे का खास कोटा लागू, इन लोगों को मिलेगा सीधा फायदा

भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए लगातार नई पहल कर रहा है। इसी कड़ी में रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और दिव्यांगजन के लिए लोअर बर्थ आवंटन की व्यवस्था को और मजबूत किया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 07 Dec 2025 02:59:34 PM IST

Indian Railway Lower Berth Quota : लोअर बर्थ की टेंशन खत्म! रेलवे का खास कोटा लागू, इन लोगों को मिलेगा सीधा फायदा

- फ़ोटो

Indian Railway Lower Berth Quota : भारतीय रेलवे लगातार यात्रियों की सुविधा बढ़ाने की दिशा में बड़े कदम उठा रहा है। खासकर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजन को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा उपलब्ध कराने के लिए रेलवे ने लोअर बर्थ आवंटन से जुड़ी व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे ने प्राथमिकता वाले यात्रियों के लिए कई ऐसी विशेष व्यवस्थाएं लागू की हैं, जिनसे यात्रा के दौरान उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत न हो।


वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को अब स्वतः मिलेगी लोअर बर्थ

रेलवे की नई व्यवस्था के तहत अब टिकट बुक करते समय वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं और गर्भवती महिलाओं को बिना किसी विशेष विकल्प चुने ही लोअर बर्थ अपने-आप आवंटित हो जाती है। यह सुविधा तभी मिलती है जब संबंधित कोच में लोअर बर्थ उपलब्ध हों। रेलवे के अनुसार, अलग-अलग श्रेणियों के कोचों में इसके लिए विशेष कोटा निर्धारित किया गया है।


कोटा इस प्रकार है—

स्लीपर कोच: 6 से 7 लोअर बर्थ

3AC कोच: 4 से 5 लोअर बर्थ

2AC कोच: 3 से 4 लोअर बर्थ


यह कोटा ट्रेन में उपलब्ध कोचों की संख्या के आधार पर लागू होता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद यात्रियों को इसका फायदा मिल सके। रेलवे का मानना है कि इससे लंबी यात्रा पर निकलने वाले वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को काफी सहूलियत होगी।


दिव्यांग यात्रियों के लिए भी विशेष आरक्षण

रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे ने दिव्यांग यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अब सभी मेल/एक्सप्रेस, राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में भी विशेष आरक्षण कोटा उपलब्ध कराया है। खास बात यह है कि यह कोटा उन यात्रियों पर भी लागू होता है जो भाड़े में दी जाने वाली रियायत नहीं लेते। यानी कोटा का लाभ किसी भी स्थिति में मिल सकता है।


दिव्यांग कोटा इस प्रकार तय है—

स्लीपर क्लास: 4 बर्थ (जिसमें 2 लोअर बर्थ शामिल)

3AC/3E: 4 बर्थ (जिसमें 2 लोअर बर्थ शामिल)

2S/CC: 4 सीटें

रेलवे का कहना है कि दिव्यांग यात्रियों के लिए लोअर बर्थ बेहद जरूरी होती है, इसलिए इसे उच्च प्राथमिकता दी जाती है।


खाली लोअर बर्थ का प्राथमिकता के आधार पर आवंटन

यात्रा के दौरान यदि किसी कोच में लोअर बर्थ खाली रह जाए, तो ट्रेन स्टाफ को यह निर्देश दिए गए हैं कि इसे प्राथमिकता के आधार पर वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजन और गर्भवती महिलाओं को दिया जाए। इससे उन्हें यात्रा के दौरान अधिक आराम और सुरक्षित महसूस होगा।


रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए टिकट चेकिंग स्टाफ को विशेष रूप से संवेदनशील मामलों पर ध्यान देने के निर्देश जारी किए गए हैं। खासकर रात की यात्रा में जरूरतमंद यात्रियों को लोअर बर्थ उपलब्ध कराना सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है।


यात्रियों को मिलेगा ज्यादा आराम और सुरक्षा

रेल मंत्रालय का कहना है कि ये सभी व्यवस्थाएं यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लागू की गई हैं। अक्सर लंबी दूरी की यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिक एवं महिलाएं ऊपरी बर्थ पर चढ़ने-उतरने में परेशानी का सामना करती थीं। रेलवे की नई व्यवस्था से अब उन्हें आसानी से लोअर बर्थ मिल सकेगी और उनकी यात्रा ज्यादा आरामदायक बनेगी।


दिव्यांग यात्रियों के मामले में भी रेलवे लगातार नई सुविधाएं ला रहा है। स्टेशन पर व्हीलचेयर, एस्केलेटर और लिफ्ट की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है, वहीं ट्रेनों में बर्थ आवंटन को लेकर बेहतर प्रबंधन किया जा रहा है।रेलवे का कहना है कि भविष्य में इस तरह की सुविधाओं को और विस्तार दिया जाएगा, ताकि हर श्रेणी के यात्री को सहज और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके। अपने विशाल नेटवर्क और करोड़ों यात्रियों की जिम्मेदारी निभाते हुए रेलवे लगातार यात्रियों के हित में नई पहल कर रहा है।