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ED Raid Bihar : पटना के ठेकेदार रिशु श्री के 9 ठिकानों पर ED की छापेमारी, जानिए रेड में क्या- क्या मिला?

बिहार में ईडी ने बड़े ठेकेदार रिशु श्री के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहम कार्रवाई की। पटना समेत 4 शहरों में 9 ठिकानों पर छापेमारी कर 33 लाख नकद, डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 27 Nov 2025 07:58:16 AM IST

ED Raid Bihar : पटना के ठेकेदार रिशु श्री के 9 ठिकानों पर ED की छापेमारी, जानिए रेड में क्या- क्या मिला?

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ED Raid Bihar : बिहार में भ्रष्टाचार और अवैध कमाई के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। इसी सिलसिले में बुधवार को ईडी की टीमों ने राज्य के बड़े ठेकेदार रिशु श्री के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए देश के विभिन्न शहरों में कुल 9 ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी पटना, अहमदाबाद, सूरत, गुरुग्राम और नई दिल्ली में की गई। कार्रवाई के दौरान ईडी ने करीब 33 लाख रुपये नकद, कई डिजिटल डिवाइस, डायरियां और महत्वपूर्ण आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनमें भ्रष्टाचार और अवैध लेन-देन के कई प्रमाण मिलने की संभावना जताई जा रही है।


PMLA के तहत कार्रवाई, SVU की FIR पर शुरू हुई जांच

ईडी की यह जांच स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU), बिहार द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर शुरू हुई थी। SVU की एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि पटना के ठेकेदार रिशु श्री और उनकी कई फर्मों ने बिहार सरकार के अनेक विभागों से ठेके और सब-कांट्रैक्ट लेकर भारी भ्रष्टाचार किया है। आरोपों के अनुसार, रिशु श्री ने जल संसाधन, स्वास्थ्य, भवन निर्माण, ग्रामीण कार्य विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (PHED), शहरी विकास एवं आवास, BUIDCO और शिक्षा विभाग से जुड़े कई निर्माण और सप्लाई कार्यों में अनियमितताओं के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की।


जांच एजेंसी के अनुसार, रिशु श्री ने इन सरकारी विभागों के कई अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर अवैध लाभ कमाया और ठेकों की राशि को गलत तरीके से अपनी कंपनियों और रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कराया। यही नहीं, एजेंसी का दावा है कि कई फर्जी कंपनियों और शेल फर्मों का भी उपयोग किया गया, ताकि भ्रष्टाचार से कमाई गई रकम को वैध दिखाया जा सके।


33 लाख नकद, डिजिटल सबूत और गुप्त दस्तावेज बरामद

ईडी की टीमों ने छापेमारी के दौरान करीब 33 लाख रुपये नकद मिले। इसके साथ ही कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव्स समेत बड़ी संख्या में डिजिटल साक्ष्य भी बरामद हुए हैं, जिनसे मनमानी और अवैध लेन-देन के और भी सबूत मिलने की उम्मीद है।बरामद डायरी और दस्तावेजों में कथित रूप से अधिकारियों को दिए गए कमीशन, ठेके के फर्जी बिल, और कई संदिग्ध भुगतान का विवरण भी मिला है। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि इन दस्तावेजों के विश्लेषण के बाद मामले में और भी लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।


पहले की कार्रवाई में भी मिले थे करोड़ों रुपये

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब ईडी ने रिशु श्री और उनके नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की है। इससे पहले भी इस मामले में ईडी ने पटना स्थित कई ट्रैवल एजेंटों और सरकारी अधिकारियों के घरों पर छापेमारी की थी। उस कार्रवाई में एजेंसी को 11.64 करोड़ रुपये नकद मिले थे, जो बिहार में किसी भी भ्रष्टाचार मामले में बरामद की गई सबसे बड़ी रकमों में से एक थी। इतना ही नहीं, ईडी ने 1 अगस्त 2025 को रिशु श्री, उनके परिजनों और संबंधित कंपनियों की 68.09 करोड़ रुपये की संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच कर दी थीं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई थी।


IAS संजीव हंस से जुड़े मामलों में आया था नाम

रिशु श्री का नाम पहली बार तब चर्चा में आया था जब ईडी ने IAS अधिकारी संजिव हंस के खिलाफ जांच शुरू की थी। संजीव हंस पर आरोप था कि उन्होंने कई ठेकेदारों से करोड़ों रुपये की अवैध कमाई कराई और उसके बदले में उन्हें सरकारी विभागों से ठेके दिलवाए। इसी दौरान रिशु श्री का नाम ED की नजर में आया और उसके बाद कई वित्तीय लेन-देन को लेकर जांच आगे बढ़ी। एजेंसी ने बताया कि रिशु श्री की फर्मों और संबंधित कंपनियों के खातों में कई उच्च मूल्य वाले संदिग्ध लेन-देन, बड़े पैमाने पर कैश डिपॉजिट, और शेल कंपनियों के माध्यम से मनी रोटेशन के प्रमाण मिले हैं।


कई विभागों में फैला भ्रष्टाचार, जांच अभी जारी

ईडी के मुताबिक, रिशु श्री का नेटवर्क बिहार के कई बड़े सरकारी विभागों तक फैला हुआ था। ठेकों की रकम की हेराफेरी के लिए अलग-अलग बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई। इसके लिए कई माध्यमों का उपयोग किया गया, जिनमें फर्जी इनवॉइस, ओवर-बिलिंग, और कैश पेमेंट शामिल हैं। जांच एजेंसी ने यह भी कहा है कि रिशु श्री की फर्मों ने ठेके पाने के लिए सरकारी अधिकारियों को बड़े पैमाने पर किकबैक दिए। कार्य मानकों और गुणवत्ता में अनियमितता बरती गई। कई कामों का भुगतान लिया गया, जबकि जमीन पर काम अधूरा था या किया ही नहीं गया। ईडी का कहना है कि छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेजों के आधार पर कई और अधिकारियों और व्यापारियों की भूमिका की जांच की जाएगी।


क्या कहती है ईडी?

एजेंसी की ओर से कहा गया है कि“जांच में जुड़े कई वित्तीय लेन-देन और अचल संपत्तियों के विवरण का विश्लेषण किया जा रहा है। प्राप्त दस्तावेज भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े नेटवर्क की ओर संकेत करते हैं। मामले के सभी पहलुओं की जांच जारी है।”


ईडी बरामद दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की फॉरेंसिक जांच कर रही है। जांच आगे बढ़ने पर ठेकेदार के कई सहयोगियों, सरकारी अधिकारियों और कंपनियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। ईडी यह भी जांच कर रही है कि रिशु श्री ने अवैध कमाई को रियल एस्टेट, लक्जरी गाड़ियों, और अन्य निवेशों में कैसे खपाया। फिलहाल एजेंसी ने साफ कर दिया है कि यह मामला बड़े स्तर पर फैले भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है और आगामी दिनों में इसमें कई और खुलासे होने की संभावना है।