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नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर अपने कामों की लिस्ट जारी की: कहा- काम हमने किया है और आगे भी हम ही करेंगे

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर अपनी 20 साल की विकास यात्रा गिनाई है। कहा है कि 2005 से पहले बिहार पिछड़ा था, आज बिहार विकास की मिसाल है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Wed, 29 Oct 2025 09:40:05 PM IST

बिहार

जो कहा, वो किया - फ़ोटो सोशल मीडिया

PATNA:  बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट कर अपने 20 साल के शासनकाल की उपलब्धियों को विस्तार से बताया है। इस पोस्ट में उन्होंने 2005 से पहले के बिहार की स्थिति की तुलना आज के “विकसित बिहार” से की है और कहा है कि “हमने जो कहा, वो किया और आगे भी हम ही बिहार के विकास के लिए लगातार काम करते रहेंगे।”


2005 से पहले का बिहार कैसा था?

नीतीश कुमार ने लिखा कि वर्ष 2005 से पहले बिहार हर क्षेत्र में पिछड़ गया था। उन्होंने लिखा कि “विकास के कार्य ठप थे, सड़कें टूटी-फूटी थीं, भवनों का रखरखाव तक नहीं होता था। बिहार की पहचान अराजकता और भ्रष्टाचार से जुड़ गई थी। लोग राज्य के बाहर ‘बिहारी’ कहलाने से कतराते थे।” उन्होंने कहा कि उस दौर में आधारभूत संरचना का कोई अस्तित्व नहीं था और राज्य की ऐतिहासिक विरासत भी उपेक्षित पड़ी थी।


 2005 के बाद हुआ परिवर्तन: 

नीतीश कुमार ने बताया है कि 2005 के बाद उनकी सरकार ने बुनियादी ढांचे पर सबसे ज्यादा जोर दिया। उन्होंने कहा कि “राज्य में नये भवनों का निर्माण हुआ, ऐतिहासिक स्थलों का पुनरुद्धार हुआ और आधुनिक परियोजनाओं से बिहार की छवि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर हुई।”


सड़क में विकास की नई कहानी

मुख्यमंत्री ने राज्य में बनी और निर्माणाधीन सड़कों की लंबी सूची साझा करते हुए बताया कि इनसे न केवल आवागमन आसान हुआ, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी बल मिला है। उन्होंने अपनी सरकार में बनी मुख्य सड़कों के नाम भी गिनाए हैं. उन्होंने कहा है कि जेपी गंगा पथ, अटल पथ, पाटलिपथ, बिहटा-सरमेरा पथ,  मीठापुर-महुली पथ, लोहिया पथ चक्र, बख्तियारपुर-रजौली पथ, पटना-गया-डोभी, पटना-मुजफ्फरपुर फोर लेन, वाराणसी-कोलकाता फोर लेन, आमस-दरभंगा, पटना-पूर्णिया, गोरखपुर-सिलीगुड़ी, रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे (निर्माणाधीन) जैसी तमाम परियोजनाएं उनकी सरकार के कार्यकाल में ही बनीं.


आधुनिक बिहार की पहचान बने नये भवन

नीतीश कुमार ने पोस्ट में कई प्रमुख भवनों का उल्लेख किया जिन्हें उनकी सरकार ने बनवाया. उन्होंने बताया है कि ज्ञान भवन, बापू सभागार, सभ्यता द्वार, बिहार संग्रहालय, बापू टावर, सरदार पटेल भवन, हज भवन, पटना समाहरणालय, राज्य अतिथि गृह गया, महाबोधि कन्वेंशन सेंटर, वाल्मीकि सभागार (पश्चिम चंपारण) और दिल्ली स्थित नया बिहार सदन, ये सब उनकी सरकार की देने है.उन्होंने लिखा कि “ये भवन सिर्फ नई संरचनाएं नहीं, बल्कि बदलते बिहार की पहचान हैं।” 


पर्यटन और ईको-टूरिज्म में नई छलांग

राजगीर, मंदार, नवादा, और मधुबनी जैसे स्थलों पर हुए पर्यटन कार्यों का जिक्र करते हुए सीएम ने बताया है “राजगीर में ग्लास स्काई वॉक, जू-सफारी, वेणुवन सौंदर्यीकरण, नवादा के ककोलत जलप्रपात का विकास और मधुबनी में मिथिला हाट जैसी परियोजनाओं ने बिहार को विश्व मानचित्र पर जगह दिलाई है।”


शिक्षा, खेल और विज्ञान के क्षेत्र में कदम

पोस्ट में नीतीश कुमार ने कहा है कि पटना का पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, राजगीर खेल अकादमी, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी, पटना मेट्रो परियोजना, वैशाली का बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय राज्य की नई पहचान बने हैं। इसके अलावा पटना संग्रहालय को बिहार संग्रहालय से जोड़ने वाली भूमिगत टनल का काम भी तेजी से चल रहा है।


 बिहार की नई उड़ान

मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते दो दशकों में बिहार में हवाई सेवाओं में भी क्रांतिकारी सुधार हुआ है। पटना में नया एयरपोर्ट टर्मिनल तैयार है, जबकि दरभंगा और पूर्णिया एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू हो चुकी हैं।  बिहटा, रक्सौल, वीरपुर, वाल्मीकिनगर, मधुबनी, मुंगेर, सहरसा और मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट्स को विकसित करने की प्रक्रिया जारी है।


बजट में ऐतिहासिक बढ़ोतरी

नीतीश कुमार ने बताया कि 2004-05 में बिहार का बजट 24 हजार करोड़ रुपये था, जो अब 3 लाख 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। उन्होंने लिखा कि “हम कुशल वित्तीय प्रबंधन के साथ इस बजट का उपयोग राज्य के सर्वांगीण विकास में कर रहे हैं।”


जो कहा, वो किया

पोस्ट के अंत में नीतीश कुमार ने जनता से अपील करते हुए लिखा है, “हमलोगों ने जो आपके लिए काम किए हैं, उसे याद रखिएगा। आगे भी हमलोग ही काम करेंगे। हमलोग जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं।” विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री की यह विस्तृत पोस्ट न केवल उनकी 20 साल की विकास यात्रा का रिपोर्ट कार्ड है, बल्कि विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र जनता को यह याद दिलाने की कोशिश भी है कि बिहार में बदलाव की शुरुआत नीतीश कुमार के शासन से ही हुई थी।