Bihar News: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारियां तेज, कल से होगी श्रद्धा और सूर्य उपासना की शुरुआत

Bihar News: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा अब बस एक दिन दूर है। पूरे बिहार सहित देशभर में श्रद्धा और भक्ति का माहौल देखने को मिल रहा है। शनिवार से ‘नहाय-खाय’ की परंपरा निभाकर सूर्य उपासना की शुरुआत होगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 24 Oct 2025 07:51:17 AM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो Google

Bihar News: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा अब बस एक दिन दूर है। पूरे बिहार सहित देशभर में श्रद्धा और भक्ति का माहौल देखने को मिल रहा है। शनिवार से ‘नहाय-खाय’ की परंपरा निभाकर सूर्य उपासना की शुरुआत होगी। परंपरा के अनुसार, भक्त कद्दू-भात का प्रसाद ग्रहण कर चार दिवसीय इस महान पर्व की शुरुआत करेंगे।


छठ पूजा सूर्य देव और छठी मइया की आराधना का पर्व है, जो शुद्धता, आत्मसंयम और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य। इस दौरान व्रती उपवास, स्नान और पूजा-पाठ के जरिए सूर्य देव से परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की दीर्घायु की कामना करते हैं।


पर्व को लेकर गुरुवार को बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिली। शहर के मुख्य बाजारों के साथ-साथ आसपास के इलाकों में भी सूप, नारियल, डाला, आदी, हल्दी, पनियाला, और विभिन्न प्रकार के फलों जैसे सेब, केला, नारंगी आदि की खरीदारी जोर-शोर से हो रही है। वहीं, नहाय-खाय की तैयारी को लेकर लोग अरवा चावल, कद्दू, दाल, सेंधा नमक और मौसमी सब्जियां खरीदते नजर आए।


सब्जी विक्रेता अमित कुमार ने बताया कि कद्दू सहित अन्य सब्जियों की मांग में भारी वृद्धि हुई है। कद्दू की कीमत 40 से 60 रुपये प्रति पीस तक पहुंच गई है। पर्व की मांग के चलते सब्जियों के दामों में हल्की बढ़ोतरी देखी गई है। लोहिया पुल के नीचे दुकानदार सुबोध मंडल ने बताया कि आदी, हल्दी और पनियाला 10 रुपये जोड़ा बिक रहे हैं, जबकि सूप की कीमत 160 से 260 रुपये प्रति जोड़ा और नारियल की कीमत 100 से 150 रुपये प्रति जोड़ा तक पहुंच गई है।


इधर, गंगा घाटों और तालाबों की सफाई में नगर प्रशासन और स्वयंसेवी संगठन जुटे हुए हैं ताकि व्रतियों को अर्घ्यदान में कोई दिक्कत न हो। श्रद्धालु अपने घरों और मोहल्लों में भी छठ गीतों की गूंज और पूजा की तैयारियों में व्यस्त हैं। छठ पूजा न केवल बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बल्कि देश के अन्य हिस्सों और विदेशों में बसे प्रवासी भारतीयों द्वारा भी पूरे आस्था और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।