महापर्व पर बादशाह इंडस्ट्रीज ने छठ व्रतियों के बीच पूजन सामग्री का किया वितरण, मंत्री अशोक चौधरी भी रहे मौजूद

लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत नहाय-खाय से हुई। इस अवसर पर बादशाह इंडस्ट्रीज ने छठ व्रतियों में 2500 पूजन सामग्री किट वितरित किए। संस्थापक जगजीवन सिंह ने जल संरक्षण और पेड़ लगाने का संदेश भी दिया।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 25 Oct 2025 07:28:56 PM IST

बिहार

लोक आस्था का महापर्व छठ - फ़ोटो सोशल मीडिया

PATNA: लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत आज नहाय खाय के साथ हो गयी है। चार दिवसीय इस पर्व को लोग धूमधाम के साथ मना रहे हैं। इस मौके पर बादशाह इंडस्ट्रीज की ओर से छठ व्रतियों के बीच पूजन सामग्रियों का वितरण किया गया। इस मौके पर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी मौजूद थे।  


धूप अगरबत्ती एवं हवन सामग्री के निर्माता बादशाह इंडस्ट्रीज के संस्थापक जगजीवन सिंह एवं समस्त बादशाह परिवार के सौजन्य से आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर छठ वर्तियों के बीच 2500 सूप पूजन सामग्रियों का वितरण किया गया । इस अवसर पर बिहार सरकार के मंत्री अशोक कुमार चौधरी, विधान पार्षद संजय सिंह, एवं धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष रणवीर नन्दन, नगर परिषद छोटू सिंह, आसिफ कमाल, ओम प्रकश सेतु, सुषमा साहु, अनजुम आरा, मनवीर सिंह, स्वर्ण सिंह, अनिल यादव, कवलजीत सिंह, रणजीत सिंह छाबड़ा, गुरमेज सिंह कमलजीत सिंह बग्गा, राजीव कुमार (बुल्लू जी) एवं माँ वैष्णो देवी सेवा समिति, श्री श्री राम नवमी शोभा यात्रा अभिनंदन समिति, भारत विकाश परिषद्, लायन क्लब फैवरिट श्री गुरुसिंह सभा गोबिन्द नगर चितकोहरा एवं समाज सेवी लोगों ने भी इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया |


इस अवसर पर कंपनी के प्रबंध निदेशक सरदार जगजीवन सिंह, मनबीर सिंह, स्वर्ण सिंह ने बताया कि छठ व्रतियों के बीच पूजन सामग्री का वितरण पिछले 17 वर्षो से लगातार करते आ रहे हैं। लोक आस्था के इस महापर्व पर पूरे देश एवं बिहार वासियों से सरदार जगजीवन सिंह ने हाथ जोड़कर विनती किया कि हम सब मिलकर संकल्प लें कि एक पेड़ अवश्य लगाएगे ताकि जल का संरक्षण हो सके। हमलोगों के जीवन में जल बहुत जरूरी है। जल है तो जीवन है। जल संरक्षण के लिए हरियाली बहुत जरूरी है और हरियाली के लिए एक पेड़ लगाना जरूरी है। छठी मइया से बिहार की दिन-दुनी, रात चौगुनी तरक्की की कामना बादशाह अगरबत्ती के निदेशक सरदार जगजीवन सिंह ने की। उन्होंने लोगों को जीते जी रक्त दान, मृत्युपरांत अंग दान करने को प्रेरित किया।