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Bihar Bhumi: दाखिल-खारिज को लेकर नीतीश सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन, अब इन बातों का

बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राज्य के सभी रैयतों और आम नागरिकों को जमीन खरीदने से पहले पूरी तरह सतर्क रहने की अपील की है। विभाग का कहना है कि जमीन की खरीद-बिक्री के मामलों में सबसे बड़ी समस्या विवादित जमीन से जुड़ी होती है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 19 Sep 2025 04:35:35 PM IST

भूमि सुधार विभाग

भूमि सुधार विभाग - फ़ोटो FILE PHOTO

Bihar Bhumi: बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राज्य के सभी रैयतों और आम नागरिकों को जमीन खरीदने से पहले पूरी तरह सतर्क रहने की अपील की है। विभाग का कहना है कि जमीन की खरीद-बिक्री के मामलों में सबसे बड़ी समस्या विवादित जमीन से जुड़ी होती है। कई बार लोग बिना जांच-पड़ताल किए जमीन खरीद लेते हैं, जिससे बाद में आर्थिक नुकसान तो होता ही है, साथ ही लंबी कानूनी लड़ाई में भी फंसना पड़ता है।


भूमि सुधार विभाग के मुताबिक, दाखिल-खारिज आवेदन के अस्वीकृत होने की सबसे बड़ी वजह जमीन का विवादित होना है। जब खरीदी गई जमीन पर स्वामित्व को लेकर विवाद होता है या उस जमीन पर पहले से किसी का दावा होता है, तो रजिस्ट्री के बाद भी दाखिल-खारिज प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती। इसलिए विभाग ने स्पष्ट किया है कि जमीन खरीदने से पहले खरीदार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संबंधित जमीन का मालिक वही व्यक्ति है जो रजिस्ट्री करवा रहा है और उसका वैध जमाबंदी भी मौजूद है।


जमीन खरीद से पहले रैयतों को निम्नलिखित तथ्यों की जांच-पड़ताल करने की सलाह दी गई है। जिसमें जमाबंदी की स्थिति देखने को कहा गया है यानी जमीन केवल उसी व्यक्ति से खरीदें, जिसका नाम वैध जमाबंदी में दर्ज हो। जमीन की श्रेणी जिसमें कैसरे हिंद, गैरमजरूआ खास, गैरमजरूआ आम या भूदान बंदोबस्ती जैसी श्रेणियों को स्पष्ट रूप से समझें। इसके साथ ही स्पष्ट बंटवारा हो बिना बंटवारे वाली जमीन खरीदने से भविष्य में विवाद हो सकता है। हमेशा बंटवारे के बाद बनी नई जमाबंदी के आधार पर ही जमीन खरीदें।


सीमांकन और चौहद्दी का ध्यान रखें मतलब जमीन की खाता, रकवा, चौहद्दी और खेसरा संख्या का मिलान जरूर करें। सीमांकन और चहारदीवारी करवाने से भविष्य में सीमा विवाद से बचाव होता है।विभाग ने यह भी बताया कि अब जमीन की स्थिति की जांच करने के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है। राज्य सरकार की वेबसाइट https://bhumijankari.bihar.gov.in पर जाकर कोई भी व्यक्ति जमीन की स्थिति की जांच कर सकता है। 


इस पोर्टल की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि जमीन विवादित है या नहीं। उस पर स्वामित्व किसका है। जमीन पर कोई सरकारी रोक तो नहीं लगी है। इस तरह खरीदार को जमीन खरीदने से पहले सही और प्रमाणित जानकारी मिल सकती है। दलालों और बिचौलियों से रहें सावधान भूमि सुधार विभाग ने आम लोगों को खासकर दलालों और बिचौलियों से सतर्क रहने की चेतावनी दी है। कई बार ऐसे लोग धोखे से विवादित जमीन या सरकारी रोक वाली भूमि को बेचने की कोशिश करते हैं। इन मामलों में खरीदार को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।


कानून के तहत कुछ प्रकार की जमीनों की बिक्री बिल्कुल प्रतिबंधित है। इन जमीनों की रजिस्ट्री करने की कोशिश करने पर दाखिल-खारिज आवेदन स्वतः ही खारिज हो जाएगा। ऐसी जमीनें हैं हाट-बाजार की जमीन,कब्रिस्तान और शमशान भूमि,सैरात भूमि,मंदिर और मठ से जुड़ी भूमि इन जमीनों की बिक्री न केवल अवैध है बल्कि इससे जुड़े लोग कानूनी कार्रवाई के भी दायरे में आ सकते हैं। करायपरसुराय के अंचलाधिकारी मणिकांत कुमार ने कहा कि रैयतों को जमीन खरीदने से पहले सभी दस्तावेजों का गहन अध्ययन करना चाहिए। खाता, रकवा, चौहद्दी और खेसरा संख्या का मिलान किए बिना जमीन न खरीदें। इसके अलावा जमीन का सीमांकन और चारदीवारी कराना भी भविष्य में संभावित विवाद से बचने के लिए जरूरी है।


जमीन जीवन की सबसे कीमती संपत्तियों में से एक है। यदि इसे खरीदने में थोड़ी भी लापरवाही की जाती है तो खरीदार को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ कानूनी झंझटों का भी सामना करना पड़ सकता है। विभाग की इस चेतावनी का उद्देश्य यही है कि लोग सोच-समझकर जमीन खरीदें और किसी भी तरह के झांसे में न आएं।