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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 02 Dec 2025 07:23:31 AM IST
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Bihar Winter Session : बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार को दूसरे दिन भी काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। सोमवार को जहां नए और पुराने विधायकों को शपथ दिलाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, वहीं मंगलवार को उन विधायकों की शपथ पूरी कराई जाएगी जो किसी कारण पहले दिन सदन नहीं पहुंच सके थे। कुल सात विधायक पहले दिन शपथ से वंचित रह गए थे, जिनमें भाजपा और जदयू के विधायक शामिल हैं।
सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत इन्हीं विधायकों को शपथ दिलाने से होगी। विधानसभा सचिवालय ने सोमवार की अनुपस्थिति को देखते हुए स्पष्ट कर दिया है कि शपथ ग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आज विशेष समय निर्धारित किया गया है, ताकि सभी नवनिर्वाचित विधायकों को सदन की पूर्ण सदस्यता मिल सके।
सोमवार को शपथ ग्रहण के दौरान भाजपा और जदयू के कुल सात विधायक सदन में मौजूद नहीं थे। सबसे बड़े नामों में जदयू के मोकामा से विधायक अनंत सिंह का नाम सामने आया। अनंत सिंह दुलारचंद हत्याकांड में जेल में बंद हैं, जिसके कारण वे सदन में उपस्थित नहीं हो सके। सुरक्षा और कानूनी कारणों से उन्हें शपथ दिलाने की अलग व्यवस्था की जा सकती है, हालांकि आज उनके शपथ लेने की संभावना जताई जा रही है।
दूसरी ओर भाजपा के दो विधायक—जाले से जीवेश मिश्रा और लौरिया से विनय बिहारी—भी पहले दिन सदन नहीं पहुंच सके। दोनों के बारे में जानकारी मिली है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी, जिसके कारण वे शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हो पाए। आज इन दोनों विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। इसी तरह मंत्री मदन सहनी समेत जदयू के अन्य तीन विधायक भी सोमवार को अनुपस्थित रहे। आज इन सभी विधायकों की शपथ पूरी होने के बाद सत्र की सभी औपचारिकताएं आगे बढ़ेंगी।
दूसरे दिन शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद विधानसभा में स्पीकर का चुनाव होगा। भाजपा की ओर से वरिष्ठ नेता और विधायक डॉ. प्रेम कुमार ने सोमवार को ही स्पीकर पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। चूंकि किसी अन्य सदस्य ने नामांकन दाखिल नहीं किया है, इसलिए प्रेम कुमार का स्पीकर चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। सदन में संख्या के लिहाज से भी भाजपा और उसके सहयोगियों की स्थिति मजबूत है, जिससे यह चुनाव केवल औपचारिकता भर रह गया है। आज स्पीकर चुने जाने के बाद विधानसभा की कार्यवाही को बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया जाएगा।
शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन भी काफी अहम माना जा रहा है। इस दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा, जिसमें वे बिहार सरकार की नीतियों, नई योजनाओं, उपलब्धियों और आगे की कार्ययोजना को सदन में प्रस्तुत करेंगे। राज्यपाल का अभिभाषण आमतौर पर पूरे सत्र के रोडमैप को स्पष्ट करता है।
इसके बाद चौथे और पांचवें दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी बातों को जोरदार तरीके से सदन में रखेंगे। विपक्ष सरकार की नीतियों पर सवाल उठाएगा, जबकि सत्ता पक्ष अभिभाषण में उल्लिखित उपलब्धियों और नीतियों का समर्थन करेगा।
शीतकालीन सत्र का एक और प्रमुख हिस्सा अनुपूरक बजट होगा, जिसे सदन के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें सरकार उन योजनाओं और क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त धन आवंटन का प्रस्ताव रखेगी, जिनके लिए पहले से निर्धारित बजट पर्याप्त नहीं है। इसके बाद सदन में इस बजट पर विस्तृत चर्चा होगी और अंतिम अनुमोदन के बाद इसे लागू किया जाएगा।
कुल मिलाकर शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन काफी व्यस्त और औपचारिकताओं से भरा हुआ रहने वाला है। जहां शपथ ग्रहण की बाकी प्रक्रिया पूरी होगी, वहीं स्पीकर के चुनाव के बाद सत्र की दिशा तय हो जाएगी। आने वाले दिनों में राज्यपाल का अभिभाषण और बजट चर्चा इस सत्र को और अधिक महत्वपूर्ण बना देंगे। बिहार की राजनीति पर नजर रखने वालों के लिए यह सत्र कई मायनों में निर्णायक साबित हो सकता है।